आदित्य कुमार/ नोएडा: 500 साल से भी अधिक समय के बाद पाहून राम अयोध्या में वापस आ रहे हैं. मेरी बहन सीता के साथ वो झोपड़ी से पक्के मकान में आ रहे हैं. हमारे लिए इस से खुशी की बात क्या होगी? ये कहना है नोएडा में रहने वाले मिथिला के लोगों का. नोएडा में रहने वाले मिथिला के लोग अपने संस्कृति को यहां पर भी बचा के रखे हुए हैं. भगवान राम का विवाह मिथिला में हुआ था इसलिए आज भी वहां के लोग भगवान राम को बहनोई (जीजा) और माता सीता को बहन के रूप में देखते हैं. हम आज आपको ऐसे लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जो माता सीता और राम की कहानी को घूम घूम कर लोगों को सुना रहे हैं.
पेशे से इंजीनियर रंजीत झा बताते हैं कि भगवान राम की शादी हमारे मिथिलांचल में हुई थी, इसलिए हम माता सीता को बहन मानते हैं. मिथिलांचल में भगवान राम का ससुराल माना जाता है. रंजीत झा कहते हैं कि तुलसीदास राम चरितमानस में लिखते हैं...
अति अनूप जहं जनक निवासू।
बिथकहिं बिबुध बिलोकि बिलासू।।
होत चकित चित कोट बिलोकी।
सकल भुवन सोभा जनु रोकी।।
अर्थात, जब ऋषि विश्वामित्र भगवान राम और उनके अन्य भाइयों के साथ जनकपुर पहुंचे तो आम का सुंदर बाग देखकर वो रुक गए और राम को कहा कि यह सुंदर स्थान देखकर यही रुकने का मन कर रहा है. ऋषि विश्वामित्र की बात सुनकर भगवान राम, अपने भाइयों के साथ आम के बाग में ही ठहर गए. इसी बाग में भगवान राम ने माता सीता को पहली बार देखा था.
नोएडा में रहने वाले मिथिलांचल के लोगों ने बताया कि त्रेता युग से ही राम-सीता के विवाह को धूम धाम से मनाया जाता है. सिया राम का विवाह और उनकी कहानियों को सबके सामने लाने के लिए हमने एक मंडली बनाई है, जो दिल्ली एनसीआर में घूम-घूम कर राम कथा लोगों को सुना रहे हैं.
प्रह्लाद झा मधुबनी के रहने वाले हैं, जो नोएडा के सेक्टर 73 स्थित महादेव अपार्टमेंट में रहते हैं. वो एक निजी कंपनी में अककॉउंटेंट है, प्रह्लाद बताते हैं कि मिथिला में आज भी भगवान राम और सीता के प्रमाण मिल जाते हैं. हमारे मिथिला क्षेत्र के लिए यह गर्व की बात है कि अयोध्या यानी हमारी बहन के घर में राम मंदिर बन रहा है.
वहीं, नंद कुमार बैंकिंग प्रोफेशनल हैं. वो बताते हैं कि सालों तक हमारी बहन सीता झोपड़ी में रही, अब वो महल में जा रही है. इस से खुशी की बात हमारे मिथिला के लोगों के लिए क्या होगा? हम मिथिला के पारंपरिक गीतों के साथ साथ गाने खुद भी लिखते और गाते हैं.
प्रदीप कुमार दरभंगा के रहने वाले हैं, वो बताते हैं कि हम नोएडा में एक दशक से भी ज्यादा समय से रह रहे हैं. यहां पर अपने कल्चर को नहीं भूले और न आगे की पीढ़ी को भुलने देना चाहते हैं. इसलिए हम यह प्रयास कर रहे हैं कि राम कथा को लोगों तक पहुंचाए. इसलिए लगभग एक दशक से राम भजन हम मंडली बनाकर गाते हैं. हम प्रतिदिन शाम को गाजे बाजे के साथ अपने सोसाइटी में भी सुंदरकांड का पाठ करते हैं और लोगों को न्योता देते हैं कि साथ में आकर बैठे और भगवान का भजन करें.