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रामबन में हर तरफ तबाही का मंजर, जोशीमठ जैसे हालात, क्यों धंस रही है जमीनें?

Ramban Land Sink: रामबन में इन दिनों जोशीमठ जैसे हालात बन गए हैं. दरअसल, शनिवार को रामबन में जमीन धंसने के चलते 50 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बता दें, इससे पहले उत्तराखंड के जोशीमठ में भी ऐसे ही हालात देखे गए थे. आइए जानते हैं किन-किन वजहों से जमीन धंसने की घटनाएं देखने को मिलती है.

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Ramban Land Sink: जम्मू-कश्मीर के रामबन में हर तरफ तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. दरअसल, रामबन-गूल रोड पर करीब 1 किलोमीटर तक जमीन धंसने से लोग डर के साये में जी रहे हैं. जानकारी के अनुसार जमीन धंसने से 50 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इसके अलावा चार बिजली टावर और एक मुख्य सड़क के भी क्षतिग्रस्त होने की खबर है. कुदरत की इस आपदा से प्रभावित लोगों के लिए सुरक्षा के जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं. इन सब से बीच तबाही का यह मंजर जोशीमठ की घटना को याद दिलाता है.  

उत्तराखंड के जोशीमठ की कई घरों और सड़कों में करीब एक साल पहले जमीन धंसने के कारण दरारों आ गई थीं. जोशीमठ में आई इन दरारें को लेकर विशेषज्ञों का कहना था कि जोशीमठ की मिट्टी कमजोर है. विशेषज्ञों का मानना है कि यहां की मिट्टी में ज्यादातर भूस्खलन द्वारा लाया गया मलबा है.

यहां अनप्लांड कंस्ट्रक्शन, जनसंख्या का दबाव, टूरिस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, पानी के प्राकृतिक प्रवाह में बाधा के चलते ऐसी हालत हुईं थी. लेकिन अब सवाल है कि जोशीमठ के बाद रामबन में भी इस तरह की तबाही का मंजर क्यों देखने को मिल रहा है. रामबन की घटना पर वहां के  उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने कहा है कि जमीन के धंसने का कारण जानने के लिए भूविज्ञान विशेषज्ञों को बुलाया गया है.

क्या है जमीन धंसने के पीछे का कारण

जमीन धंसने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. इस कारणों को मुख्य तौर से प्राकृतिक और मानवीय गतिविधियों में बांटा गया है. आइए इसे विस्तार से समझते हैं.

  • जल का दोहन: यह एक प्रमुख कारण है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां मिट्टी ढीली होती है. जब भारी मात्रा में भूजल निकाला जाता है, तो ऊपर की जमीन सहारा खो सकती है और जमीन धंसने लगती है. यह उन इलाकों में आम समस्या है जहां खेती ज्यादा होती है या शहरों में जहां भूजल पर निर्भरता ज्यादा रहती है.
  • प्राकृतिक रूप से जमीन का दबाव: लंबे समय में, ऊपर की चट्टानों और मिट्टी का भार जमीन को प्राकृतिक रूप से दबाकर कम कर सकता है.
  • भूगर्भ खनन: जब जमीन के नीचे से खनिज या अन्य संसाधन निकाले जाते हैं, तो वहां बड़ी खाई बन सकती हैं. अगर इन खाईओं को ठीक से न भरा जाए, तो ऊपर की जमीन धंस सकती है.
  • जैविक मिट्टी का सूखना: जमीन में यदि बहुत अधिक जैविक पदार्थ हो और वहां से पानी निकाल दिया जाए, तो जमीन धंस सकती है. जब जैविक पदार्थ हवा के संपर्क में आता है, तो वह सड़ जाता है और उसका आयतन कम हो जाता है, जिससे जमीन धंस जाती है.
  • भूकंप और टेक्टोनिक गतिविधि: बड़े भूकंप या पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधि से जमीन अचानक और तेजी से धंस सकती है.