One Nation One Election: पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता वाली कमेटी ने वन नेशन-वन इलेक्शन पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दिया है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में देश में एकसाथ लोकसभा, विधानसभा चुनावों के लिए संविधान में संशोधन की राष्ट्रपति मुर्मू से सिफारिश की है.
मिली जानकारी के मुताबिक यह रिपोर्ट कुल 18,626 पेजों की है. 2 सितंबर 2023 गठित कमेटी ने 91 दिनों तक इससे जुड़े हुए तमाम एक्सपर्ट और हितधारकों के साथ चर्चा करके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट सौंपी हैं. प्रस्तावित रिपोर्ट में लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए एक एकल मतदाता सूची का प्रस्ताव दिया गया है.
The High-Level Committee on simultaneous elections, chaired by Ram Nath Kovind, Former President of India, met President Murmu at Rashtrapati Bhavan and submitted its report. Union Home Minister Amit Shah was also present. pic.twitter.com/zd6e5TMKng
— ANI (@ANI) March 14, 2024Also Read
पैनल ने देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान के आखिरी पांच अनुच्छेदों में संशोधन की सिफारिश की है. प्रस्तावित रिपोर्ट में संसद के सदनों के कार्यकाल से संबंधित अनुच्छेद 83, लोकसभा के विघटन से संबंधित अनुच्छेद 85, राज्य विधानमंडलों की अवधि से संबंधित अनुच्छेद 172, राज्य विधानमंडलों के विघटन से संबंधित अनुच्छेद 174, और राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने अनुच्छेद 356 में संशोधन की सिफारिश की गई है.
बीते साल केंद्र सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर गौर करने के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन किया था. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति बनाई गई थी. इस कमेटी में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कमेटी के चेयरमैन बनाया गया था. वहीं इस कमेटी में बतौर सदस्य गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, वरिष्ठ संविधानविद सुभाष सिंह कश्यप और देश के जाने माने वकील हरीश साल्वे और पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी को शामिल किया गया था. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी समिति का सदस्य बनाया गया था लेकिन उन्होंने हिस्सा बनने से मना कर दिया था.