Rajya Sabha Election 2024: 15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों के लिए 27 फरवरी को वोटिंग होगी. मतदान की प्रक्रिया सुबह 9 बजे से शुरू होकर शाम को 4 बजे तक चलेगी. इसके बाद वोटों की गिनती शुरू होगा, जो देर रात तक चलने की संभावना है. उत्तर प्रदेश की एक सीट पर भी कड़ा मुकाबला होगा. सूत्रों की मानें तो विपक्ष को आशंका है कि उनके विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं, जिस पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी कड़ी नजर रख रही है.
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग को रोकने के लिए अपने विधायकों को सेफ हाउस में भेज दिया है. सूत्रों का कहना है कि राज्य की अस्थिर राजनीति में ऐसा अक्सर होता रहता है. उधर, हिमाचल प्रदेश में इस तरह की कोई आशंका सामने नहीं आ रही है. वहां सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपनी एकमात्र राज्यसभा सीट पर चुनाव के लिए अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है.
उत्तर प्रदेश में भाजपा के सामने मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी का इस बीच कहना है कि सब कुछ ठीक है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि पार्टी के कम से कम 10 विधायक क्रॉस वोटिंग के लिए तैयार हैं. सत्तारूढ़ भाजपा से सात और सपा से तीन सदस्य निर्विरोध रूप से राज्यसभा के लिए चुने जा चुके हैं. लेकिन भाजपा ने अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में पूर्व सपा सदस्य और उद्योगपति संजय सेठ को मैदान में उतारकर बड़ा दांव लगा दिया है.
निर्वाचित होने के लिए राज्य के एक उम्मीदवार को करीब 37 प्रथम वरीयता वोटों की जरूरत होती है. ऐसे में भाजपा के नेताओं ने दावा किया है कि सपा के कम से कम 10 विधायक उनके संपर्क में हैं.
सपा ने जया बच्चन, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आलोक रंजन और दलित नेता रामजी लाल सुमन को मैदान में उतारा है. इस फैसले ने स्पष्ट रूप से अपने सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) नेता पल्लवी पटेल को अलग-थलग कर दिया है, जिन्होंने पहले कहा था कि वह वोटिंग नहीं करेंगी, क्योंकि वह जया बच्चन और आलोक रंजन को मैदान में उतारने के फैसले से सहमत नहीं हैं.
संख्याबल ने कर्नाटक की तीन सीटों में से चार पर कांग्रेस के लिए आसान जीत सुनिश्चित की थी, वहीं भाजपा-जनता दल सेक्युलर गठबंधन ने दूसरा उम्मीदवार उतारकर स्थिति को बिगाड़ दिया है. यदि चार उम्मीदवार थे, तो प्रत्येक को जीतने के लिए 45 वोटों की जरूरत थी, लेकिन ज्यादा उम्मीदवारों के मामले में वरीयता वोट मिलते हैं.
कांग्रेस के पास 134 विधायक हैं, भाजपा के पास 66 और जद (एस) के पास 19 विधायक हैं, जबकि अन्य के पास चार विधायक हैं. सोमवार को कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को एक होटल में शिफ्ट कर दिया है, जिससे राज्य की ट्रेडमार्क रिसॉर्ट राजनीति की शुरुआत हुई. कल होने वाले चुनाव से पहले सभी पार्टियों ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है.
हिमाचल में कांग्रेस जिस उम्मीदवार के लिए संघर्ष कर रही है, वह पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी हैं. उनके खिलाफ भाजपा ने अपनी कोर कमेटी के सदस्य हर्ष महाजन को मैदान में उतारा है. कांग्रेस के पास जहां 40 विधायकों के साथ स्पष्ट बहुमत है, वहीं बीजेपी के पास 25 सदस्य हैं. तीन विधायक निर्दलीय हैं, जिनमें से दो बीजेपी के बागी हैं. सूत्रों ने कहा कि भाजपा की नजर अब असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में करने पर है.
बता दें कि मंगलवार यानी 27 फरवरी को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक 15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होगा. मतगणना शाम 5 बजे शुरू होगी और देर शाम या रात तक नतीजे आने की उम्मीद है. सत्तारूढ़ भाजपा के पास 56 में से 28 सीटें हैं, जिसमें पार्टी विधायक किरोड़ी लाल मीना की खाली सीट भी शामिल है. किरोड़ी लाल अब राजस्थान सरकार में मंत्री हैं.