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India Daily

राजस्थान की नई बीजेपी सरकार को गिफ्ट में मिले 30 हजार करोड़ के पेंडिंग बिल, चौपट हो चुकी है राज्य की आर्थिक हालत!

Rajasthan Under Debt: राजस्थान की जनता ने अगले 5 साल तक बीजेपी को सत्ता की कमान दी है. राजस्थान में बीजेपी को सत्ता की कमान भले ही मिल गई है लेकिन आगे का रास्ता अब मुश्किलों से भरा हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, राजस्थान की आर्थिक हालत इन दिनों बेहद खराब है. 

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Purushottam Kumar
Rajasthan Govenment

हाइलाइट्स

  • राजस्थान की आर्थिक हालत इन दिनों बेहद खराब
  • पेंडिंग भुगतान के रूप में 30 हजार करोड़ के बिल

Rajasthan Under Debt: राजस्थान की जनता ने अगले 5 साल तक बीजेपी को सत्ता की कमान दी है. विधानसभा चुनाव में बंपर जीत मिलने के बाद बीजेपी में अब नए मुख्यमंत्री के लिए बैठकों का दौर जारी है. अगले चंद दिनों में राज्य को नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा.

राजस्थान में बीजेपी को सत्ता की कमान भले ही मिल गई है लेकिन आगे का रास्ता अब मुश्किलों से भरा हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, राजस्थान की आर्थिक हालत इन दिनों बेहद खराब है. वित्तीय कुप्रबंधन के चलते राजस्थान के सरकार को गिफ्ट के रूप में 30 हजार करोड़ रुपए का बकाया बिल मिलेगा. 

बोरोइंग लिमिट भी हुई पूरी

राजस्थान को साल 2023 में दिसंबर तक 45 हजार करोड़ रुपए की बोरोइंग लिमिट मिली थी जो लगभग पूरी हो गई है. वित्तीय कुप्रबंधन के चलते एक जनवरी को पेंडिंग भुगतान के रूप में 30 हजार करोड़ के बिल ट्रेजरीज में पेंडिंग हैं. इसके अलावा चुनाव में गहलोत सरकार की ओर से की गई घोषणाओं के लिए भी वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है. हालांकि, इस बिल का फिलहाल ट्रेजरी में पहुंचना बाकी हैं. जानकारी के अनुसार यह राशि करीब 10 हजार करोड़ बताई जा रही है.

नई सरकार के सामने बड़ी चुनौती

राजस्थान में पेंडिंग भुगतान के रूप में 30 हजार करोड़ रुपए के पेंडिंग बिल ट्रेजरीज में पड़े हुए हैं. इस बकाया बिल को चुकाने के लिए फिलहाल राज्य सरकार के पास न तो कर्ज लेने की लिमिट बची है और न ही राज्य में राजस्व के स्रोत हैं. ऐसी स्थिति में राज्य की नई सरकार के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती होगी की इन बकाया बिलों का बंदोबस्त कैसे और कहां से किया जाएगा. नई सरकार के लिए यह भी एक चुनौती है कि गत सरकार द्वारा अंतिम महीनों में वित्त विभाग के अफसरों जो बोरोइंग बजट डाली जिसका फिलहाल बजट में हिसाब नहीं जुड़ा हुआ है.

गहलोत सरकार ने कहां खर्च किया पैसा?

राजस्थान सरकार द्वारा पूर्व में 45 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था. कर्ज के रूप में ली गई राशि में से 3500 करोड़ रुपए को फ्री मोबाइल बांटने पर खर्च किया गया था तो वहीं, 500 करोड़ रुपए महंगाई राहत कैंपों की व्यवस्थाओं पर खर्च किया गया था जिसमें  वित्त विभाग के अफसरों ने जमकर चांदी काटी थी.