नई दिल्ली: लोकसभा से 95 और राज्यसभा से 46 समेत 141 सांसदों के निलंबन के बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी दलों पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहते कि सदन चले और वे हर चीज में राजनीति करना चाहते हैं.
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा "सदन के अध्यक्ष ने गृह सचिव को पत्र लिखा है और मुझे उच्च स्तरीय जांच कराने का निर्देश दिया गया है. नई संसद की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीआरपीएफ डीजी की देखरेख में एक समिति भी गठित की गई है. एक तरफ जांच चल रही है और दूसरी तरफ विपक्ष नहीं चाहता कि सदन चले. राहुल गांधी कह रहे हैं कि बेरोजगारी के कारण ये सब हुआ. क्या राहुल गांधी समर्थन करते हैं यह सब? यह कैसा गैर-जिम्मेदाराना बयान है. विपक्ष हर चीज में राजनीति करना चाहता हैं?"
#WATCH | Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi says "...Speaker of the House has written a letter to Secretary Home and has instructed to get a high-level inquiry (on security beach) done. To increase the security of the new Parliament, a committee has also been… pic.twitter.com/KJkPW5xv3H
— ANI (@ANI) December 19, 2023
संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए सांसदों के निलंबन के खिलाफ विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद परिसर के अंदर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी भी शामिल हुई. सभी सांसद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और NCP अध्यक्ष शरद पवार के नेतृत्व में अपना विरोध प्रदर्शन जताया. प्रदर्शनकारियों सांसदों के प्लेकार्ड पे लिखा था "लोकतंत्र घेरे में है, हम पिंजरे में नहीं बंधेंगे," और "प्रधानमंत्री और गृह मंत्री चुप क्यों हैं?"विपक्षी सांसदों को शेष शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित करने का कारण कदाचार और सभापति के निर्देशों का पालन करने में विफलता बताया गया.
सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा "सांसदों के निलंबन के खिलाफ 22 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. हमने कई निर्णय लिए हैं, जिनमें से एक निलंबित सांसदों पर है. हम इसके खिलाफ लड़ेंगे. यह गलत है. हम इसके खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट हुए हैं. हमने एक प्रस्ताव पारित किया है कि निलंबन अलोकतांत्रिक है. लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सभी को लड़ना होगा और हम सभी ऐसा करने के लिए तैयार हैं. हमने संसद में सुरक्षा उल्लंघन का मुद्दा उठाया. हम लंबे समय से कह रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह या पीएम मोदी को संसद में आना चाहिए और संसद सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में बोलना चाहिए, लेकिन वे ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं"