मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. हालांकि कोर्ट ने इस पर अपना अंतिम फैसला सुरक्षित रख लिया. अब कोर्ट गुरुवार या फइर अगले हफ्ते केजरीवाल की जमानत याचिका पर आदेश पारित कर सकती है. कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत तो नहीं दी लेकिन इस दौरान एक बेहद अहम टिप्पणी की.
कोर्ट ने केजरीवाल से कहा कि अगर हम आपको जमानत देते हैं तो हम नहीं चाहते कि आप इस दौरान किसी भी प्रकार का सरकारी कामकाज करें. यानी इसका सीधा मतलब ये है कि जमानत मिलने के बाद केजरीवाल मुख्यमंत्री होते हुए भी कोई फैसला नहीं ले पाएंगे. उन्हें केवल चुनाव प्रचार की अनुमति होगी.
अगर सुप्रीम कोर्ट उन्हें सरकारी काम न करने की शर्त पर जमानत देता है तो वे कौन-कौन से महत्वपूर्ण काम होंगे जिन्हें सीएम नहीं कर पाएंगे...आइए डालते हैं एक नजर...
कैबिनेट की मीटिंग नहीं कर पाएंगे सीएम
जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल दिल्ली कैबिनेट की मीटिंग नहीं कर पाएंगे. यानी दिल्ली को लेकर वह किसी भी प्रकार की रणनीति नहीं बना पाएंगे.
इस्तीफा नहीं कर पाएंगे स्वीकार
इस दौरान अगर कोई इस्तीफा देता है तो केजरीवाल को इस्तीफा स्वीकार करने की भी अनुमति नहीं होगी.
MCD चुनाव में LG को अपनी सलाह नहीं दे पाएंगे सीएम
लोकसभा चुनाव के साथ-साथ दिल्ली में नगर निगम का चुनाव भी होना है. दिल्ली में हर साल महापौर और उप महापौर का चुनाव होता है. पहले यह चुनाव 26 अप्रैल को होना था लेकिन किन्ही कारणों से यह टाल दिया गया. आम आदमी पार्टी एलजी और बीजेपी पर आरोप लगा रही है कि वो नहीं चाहते कि लोकसभा चुनाव के दौरान AAP का मेयर बने, क्योंकि इससे शायद उनके वोट बैंक पर असर पड़ेगा. अगर केजरीवाल की जमानत के दौरान मेयर का चुनाव होता है तो वह एलजी को चुनाव से संबंधित किसी भी प्रकार का सलाह मशविरा नहीं दे पाएंगे.
कोई फाइल नहीं होगी पास
इसके अलावा जमानत के दौरान सीएम के पास किसी भी प्रोजेक्ट को मंजूरी देने की शक्ति नहीं होगी.
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