केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन के चलते लगभग डेढ़ सौ लोगों की मौत हो चुकी है. आशंका जताई जा रही है कि सैकड़ों लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए देश की सेनाओं की मदद ली जा रही है. इस बीच वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने आज लोकसभा में भी यह मुद्दा उठाया. इस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद तेजस्वी सूर्या ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी इतने दिन वायनाड के सांसद रहे लेकिन कभी यह मुद्दा नहीं उठाया. तेजस्वी ने कहा कि जो सांसद यह मुद्दा उठाते थे, उन्हें कांग्रेस ने टिकट भी नहीं दिया और पार्टी से भी निकाल दिया. उन्होंने आरोप लगाए कि धार्मिक संस्थाओं के दबाव के कारण स्थानीय सरकार अतिक्रमण नहीं हटा रही है और उसने यह बात स्वीकार भी की है.
वायनाड लैंडस्लाइड के मुद्दे पर सदन में सवाल उठाते हुए तेजस्वी सूर्या ने कहा, 'साल 2020 में केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने वायनाड के उन इलाकों से 4 हजार परिवारों को हटाने की सलाह दी जो भूस्खलन के प्रति संवेदनशील हैं. आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और वायनाड का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद ने कभी यह मुद्दा उठाया भी नहीं. 2021 में केरल विधानसभा में केरल के वन मंत्री के राजू ने माना कि हम वहां से अवैध अतिक्रमण को इसलिए नहीं हटा पा रहे हैं क्योंकि उनकी धार्मिक संस्थाओं से हम पर दबाव है.'
बेंगलुरु साउथ के सांसद तेजस्वी सूर्या ने आगे कहा, 'कांग्रेस के सांसद पी डी थॉमस ने इसी मुद्दे को इससे पहले उठाया था. कांग्रेस पार्टी ने क्या किया कि दूसरी बार पी डी थॉमस को टिकट नहीं दिया. आज सिर्फ वायनाड और उसके आसपास के वोटबैंक पॉलिटिक्स की वजह से अतिक्रमण को ये लोग नहीं हटा रहे हैं. पिछले 1800 दिनों में जब से राहुल गांधी वायनाड के सांसद थे, उन्होंने एक बार भी वायनाड की बाढ़ और भूस्खलन का मुद्दा लोकसभा या विधानसभा में नहीं उठाया.'
बता दें कि भारी बारिश के बाद वायनाड में हुए भूस्खलन में दर्जनों घर मलबे में दब गए थे. इसमें से अभी तक 150 से ज्यादा लोगों के शव निकाले जा चुके हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक, लगभग इतने ही लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं. लोगों को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन, आपदा प्रबंधन और पुलिस के साथ-साथ भारतीय सेनाओं और कोस्ट गार्ड के जवानों को भी उतारा गया है. केंद्र सरकार ने भी केरल सरकार की पूरी मदद करने का ऐलान किया है और रेस्क्यू ऑपेरशन अभी भी जारी है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया है कि अभी तक 1592 लोगों को बचाया गया है. स्थानीय जनजातीय परिवारों को वहां से हटाया जा रहा है और जो लोग हटने को तैयार नहीं हैं उन्हें खाना दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'वायनाड में अभी 82 राहत कैंप लगाए गए हैं जिनमें 2017 लोग रह रहे हैं. मेप्पडी में 8 कैंप हैं जिनमें 1486 लोग हैं.'