लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन में 4 की मौत, बीजेपी आईटी चीफ ने वीडियो शेयर कर राहुल गांधी पर साधा निशाना
बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने हिंसा के पीछे कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगाया है. मलवीय सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है और दावा किया है कि लद्दाख में दंगा कर रहा यह व्यक्ति अपर लेह वार्ड का कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैनजिन त्सेपाग है.
Ladakh violence: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में राज्य का दर्जा की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच झड़प हुई है. हिंसा में अब तक 4 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 70 से अधिक घायल हो गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय भाजपा कार्यालय में आग लगा दी और एक वाहन को भी आग के हवाले कर दिया. हिंसा को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया. अराजकता के बाद, लेह लद्दाख में केंद्रीय प्रशासन ने लेह में विरोध प्रदर्शन और सभाओं पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया.
लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) की युवा शाखा द्वारा आहूत यह आंदोलन, लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने तथा संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहे अभियान का हिस्सा था. लद्दाख पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर राज्य का हिस्सा था और 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र के नियंत्रण में आकर केंद्र शासित प्रदेश बन गया. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के साथ लद्दाख के लोग तब से संबंधित केंद्र शासित प्रदेशों के लिए राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं.
अमित मालवीय ने किया बड़ा दावा
बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने हिंसा के पीछे कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगाया है. मलवीय सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है और दावा किया है कि लद्दाख में दंगा कर रहा यह व्यक्ति अपर लेह वार्ड का कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैनजिन त्सेपाग है. उसे भीड़ को उकसाते और भाजपा कार्यालय तथा हिल काउंसिल को निशाना बनाकर की गई हिंसा में शामिल होते साफ देखा जा सकता है. क्या राहुल गांधी इसी तरह की अशांति की कल्पना कर रहे हैं?
वांगचुक ने मंगलवार को अपने 15 दिन के उपवास को समाप्त कर दिया
शटडाउन का आह्वान तब किया गया जब 10 सितम्बर से जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो को स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया. वांगचुक ने मंगलवार को अपने 15 दिन के उपवास को समाप्त कर दिया तथा समर्थकों से हिंसा से बचने का आग्रह किया. तनाव तब बढ़ गया जब युवाओं के एक समूह ने कथित तौर पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी.
बाद में प्रदर्शनकारियों ने लेह स्थित भाजपा कार्यालय के बाहर एक सुरक्षा वाहन में आग लगा दी. अधिकारियों ने बताया कि व्यवस्था बहाल करने और आगे कोई अशांति न फैले, इसके लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं. केंद्र और लद्दाख के प्रतिनिधियों, जिनमें लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के सदस्य शामिल हैं, के बीच वार्ता का एक नया दौर 6 अक्टूबर को निर्धारित है. हालांकि, प्रदर्शनकारी लंबे समय से चल रही भूख हड़ताल और लद्दाख के राजनीतिक भविष्य को लेकर बढ़ती सार्वजनिक चिंता को देखते हुए तारीख को आगे बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं.
समर्थकों से शांति की अपील
अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए, वांगचुक ने शांति की अपील की. जलवायु कार्यकर्ता ने कहा, मैं युवाओं से आगजनी और झड़पें रोकने का अनुरोध करता हूं. हम अपना अनशन समाप्त कर रहे हैं, और मैं प्रशासन से आंसू गैस का इस्तेमाल बंद करने का आग्रह करता हूं. अगर हिंसा में जानें जाती हैं तो कोई भी भूख हड़ताल सफल नहीं होती. लद्दाख में हुए हालिया घटनाक्रम पर चिंता जताते हुए वांगचुक ने कहा कि शांतिपूर्ण रास्ते का उनका संदेश विफल हो गया है.
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