भारत में राइड शेयरिंग और मोबिलिटी सेवाओं की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नया दिशा-निर्देश जारी किया है. इसके तहत राज्य सरकारों को यह सलाह दी गई है कि वे एग्रीगेटर्स जैसे Ola, Rapido, Uber को निजी मोटरसाइकिलों को टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दें.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह बदलाव अर्बन मोबिलिटी को किफायती और सुलभ बनाने के उद्देश्य से किया गया है. मंत्रालय के मुताबिक, यह कदम रोजगार के अवसर बढ़ाने, ट्रैफिक कंजेशन कम करने और लास्ट माइल कनेक्टिविटी को मजबूत करने में मदद करेगा.
मंत्रालय ने राज्य परिवहन विभागों को सुझाव दिया है कि वे मोटर वाहन अधिनियम की धारा 93 के तहत निजी मोटरसाइकिलों को भी एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म के माध्यम से टैक्सी के रूप में पंजीकृत करने की अनुमति दें. पहले केवल कमर्शियल नंबर प्लेट वाली बाइकों को ही यह सुविधा दी जाती थी लेकिन अब पर्सनल नंबर प्लेट वाली बाइकों को भी इसका हिस्सा बनाया जा सकता है.
हालांकि मंत्रालय ने यह दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, लेकिन अंतिम निर्णय राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है. कुछ राज्य जैसे कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली पहले से इस तरह की सेवाएं संचालित कर रहे हैं, जबकि अन्य राज्यों में अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वे इस सलाह का अनुसरण करेंगे या नहीं.
कुछ ट्रांसपोर्ट यूनियन और ऑटो चालकों ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है. उनका मानना है कि इससे अनुचित प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और लाइसेंसधारी व्यावसायिक चालकों को नुकसान हो सकता है.