भारत समेत कई देशों में कमाई पर टैक्स देना पड़ता है. इसी को इनकम टैक्स या आयकर कहा जाता है. कई ऐसे भी तरीके होते हैं जिनमें निवेश करने से या दान देने से आप टैक्स में छूट पा सकते हैं. ऐसी ही छूट के जरिए भारत सरकार को लगभग 4 हजार करोड़ रुपये का टैक्स कम मिला है. हम बात कर रहे हैं राजनीतिक पार्टियों को दिए जाने वाले चंदे की. राजनीतिक पार्टियों को चंदा देकर टैक्स में छूट का लाभ उठाने वाले लोगों ने साल 2022-23 में कुल 3967 रुपये का टैक्स बचाया है. रोचक बात यह है कि पिछले साल यानी 2021-22 की तुलना में इसमें 13 पर्सेंट इजाफा हुआ है. नए नियमों के मुताबिक, लोग इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक पार्टियों को चंदा दे सकते हैं और टैक्स में छूट भी ले सकते हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 2024-25 के बजट में अपने अनुमान में यह बताया है.आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 में राजनीतिक चंदों पर टैक्स में छूट के जरिए लोगों ने 3516 करोड़ रुपये का टैक्स बचाया था. वहीं, साल 2014-15 की बात करें तो सिर्फ 170.86 करोड़ रुपये की टैक्स छूट दी गई थी. यानी इतने समय में इसमें लगभग 300 पर्सेंट की बढ़ोतरी हो गई है. 2014 में कुल टैक्स छूट 12,270 करोड़ रुपये थी जबकि 2023-24 के आंकड़े अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं.
दरअसल, इनकम टैक्स ऐक्ट 1961 के तहत भारतीय कंपनियोंस फर्म, असोसिएशन ऑफ पर्सन (AOP), बॉडी ऑफ इंडिविजुअल (BOI) और इंडिविजुअल या हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) को राजनीतिक चंदों पर छूट लेने की सुविधा मिलती है. यह चंदा चेक, अकाउंट से अकाउंट ट्रांसफर या इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए दिया जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, इतनी ज्यादा छूट की वजह है कि कॉरपोरेट टैक्सपेयर्स ने धारा 80GGB के तहत डोनेशन चंदा दिया है और छूट मांगी है. इसी के तहत लोगों ने निजी क्षमता में 1862 करोड़ रुपये की टैक्स छूट ली है.
बता दें कि राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के मामले में कॉरपोरेट, नॉन-कॉरपोरेट और व्यक्तिगत क्षमता/हिंदू अनडिवाइडेड परिवार शामिल हैं. 2024 से अब तक इसमें से सबसे ज्यादा टैक्स छूट कॉरपोरेट देनदाताओं ने ली है. वहीं, सबसे कम टैक्स छूट नॉन-कॉरपोरेट दानदाताओं ने ली है. 2014 से अभी तक कुल 12,270 करोड़ रुपये की टैक्स छूट पॉलिटिकल डोनेशन के जरिए दी जा चुकी है.