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India Daily

'मुस्लिम लीग के सामने झुक गए...', पीएम मोदी ने वंदे मातरम के साथ हुए अन्याय को लेकर कांग्रेस और नेहरू पर बोला हमला

पीएम मोदी ने लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और नेहरू पर राष्ट्रगीत के साथ हुए अन्याय का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम लीग के दबाव में झुकी.

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Edited By: Km Jaya
Prime Minister Narendra Modi India daily
Courtesy: @ani_digital X account

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में वंदे मातरम पर शुरू हुई विशेष चर्चा के दौरान कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर तीखा हमला किया. पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम के साथ ऐतिहासिक अन्याय हुआ और कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के आगे झुककर राष्ट्रगीत को कमजोर किया. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वंदे मातरम एक ऐसा मंत्र था जिसने पूरे देश को ऊर्जा दी, त्याग और बलिदान का मार्ग दिखाया और संघर्ष की भावना को मजबूत किया.

पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम को लेकर किए गए समझौते देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि नेहरू ने यह कहकर राष्ट्रगीत को सीमित कर दिया कि इसके प्रचार से मुसलमान नाराज हो सकते हैं. पीएम के अनुसार कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बैकफुट लेकर राष्ट्रगीत के सम्मान को नुकसान पहुंचाया और मुस्लिम लीग के दबाव में निर्णय लिए.

क्या है वंदे मातरम का महत्व?

प्रधानमंत्री ने कहा कि 1905 में जब ब्रिटिश सरकार ने बंगाल का विभाजन किया तब वंदे मातरम ने एक चट्टान की तरह भारतीयों को एकजुट रखा. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश जानते थे कि अगर वे बंगाल को तोड़ देंगे तो वे पूरे देश को कमजोर कर सकेंगे. लेकिन बंगाल की बौद्धिक शक्ति और वंदे मातरम की पुकार ने उनके मंसूबे को चुनौती दी और पूरे राष्ट्र को एकजुट किया.

अंग्रेजों के लिए क्यों बना चुनौती?

पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम को ब्रिटिश शासन ने इतना चुनौतीपूर्ण माना कि इसे रोकने के लिए कानून तक बना दिए गए. इसे छापने और गाने पर पाबंदी लगाई गई. उन्होंने कहा कि वंदे मातरम सिर्फ राजनीतिक स्वतंत्रता का मंत्र नहीं था बल्कि भारत माता को औपनिवेशिक बंधनों से मुक्त कराने का पवित्र आह्वान था.

150 वर्ष पूर्ण होने पर पीएम ने क्या कहा?

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जब वंदे मातरम ने 100 वर्ष पूरे किए तब देश आपातकाल की गिरफ्त में था. उस समय राष्ट्रभक्त जेलों में थे और अभिव्यक्ति की आजादी पर ताला लगा हुआ था. उन्होंने कहा कि 150 वर्ष पूरे होने का समय देश के लिए गर्व और आत्मसम्मान को पुनर्जीवित करने का अवसर है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कोई सत्ता या विपक्ष नहीं है बल्कि वंदे मातरम के प्रति ऋण स्वीकार करने का समय है. यह वह गीत है जिसने उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक पूरे देश को जोड़ा. उन्होंने आह्वान किया कि इस प्रेरणा के साथ देश को 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.