Ladakh Protest: कौन हैं सोनम वांगचुक, जिन पर लग रहा है हिंसा का आरोप

Who is Sonam Wangchuk: सोनम वांगचुक को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. कई लोगों को इनके बारे में पता है और कई लोग आज भी इन्हें नहीं जानते हैं. तो चलिए जानते हैं जानते हैं कि आखिर सोनम वांगचुक हैं कौन.

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Shilpa Srivastava

Who is Sonam Wangchuk: लद्दाक को भारत के सबसे खूबसूरत इलाकों में से एक कहा जाता है. लेकिन इस समय राजनीतिक अशांति और विरोध प्रदर्शनों के दौर से गुजर रहा है. यहां के लोग पिछले काफी समय से केंद्र सरकार से पूर्ण राज्य का दर्जा मांग रहे हैं. इस आंदोलन का नेतृत्व जाने-माने इंजीनियर और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक कर रहे हैं. 

2019 में, भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटा दिया था, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था. इसके साथ ही लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग एक केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था. शुरुआत में जब यह अनुच्छेद हटाया गया था, तब लद्दाख के कई लोग इस फैसले से खुश थे. लेकिन समय के साथ, उन्हें लगने लगा कि विधानसभा और विशेष अधिकारों के बिना, लद्दाख की पहचान, संस्कृति और भविष्य को बड़ा खतरा है. 

इस दौरान सोनम वांगचुक को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. कई लोगों को इनके बारे में पता है और कई लोग आज भी इन्हें नहीं जानते हैं. तो चलिए यहां चल रहे विरोध प्रदर्शन के बारे में जानने से पहले ये जानते हैं कि आखिर सोनम वांगचुक हैं कौन.

सोनम वांगचुक कौन हैं?

सोनम वांगचुक केवल एक शिक्षा सुधारक ही नहीं बल्कि हैं, बल्कि एक टेक्नोलॉजिकल इनोवेटर भी हैं. उन्होंने SECMOL परिसर को बनाया है. यह पूरी तरह से सोलर एन्रजी से चलता है. इसमें फॉजिल फ्यूल का इस्तेमाल नहीं किया गया है. उन्होंने लद्दाख की लोकल मैग्नजीन लाडाग्स मेलोंग का संपादन भी किया है. साथ ही इन्होंने कई सामाजिक संगठनों के साथ काम भी किया है.

अगर आपको ध्यान हो तो बॉलीवुड फिल्म 3 इडियट्स के किरदार फुनसुख वांगडू के पीछे भी सोनम वांगचुक ही प्रेरणा रहे हैं. आज के समय में वांगचुक कई छात्रों और युवाओं के साथ मिलकर लद्दाख के अधिकारों की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं.

लद्दाक में हो रहा विरोध प्रदर्शन:

लेह और आस-पास के इलाकों में विरोध प्रदर्शन और हड़तालें हुईं. कुछ युवा प्रदर्शनकारियों ने पथराव भी किया. इसे रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और लाठीचार्ज भी किया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई. प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से ले और लद्दाख को उसके संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए तत्काल बातचीत शुरू करे.