भारतीय रक्षा ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए केंद्र सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि मौजूदा सीडीएस जनरल अनिल चौहान मई 2026 तक अपनी जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे. उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी, जो इस सितंबर खत्म होनी थी. लेकिन देश की सुरक्षा व्यवस्था और तीनों सेनाओं के समन्वय में उनकी अहम भूमिका को देखते हुए सरकार ने उनके अनुभव का लाभ जारी रखने का फैसला किया है.
रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि सरकार ने जनरल चौहान को न केवल सीडीएस के रूप में बल्कि सैन्य मामलों के विभाग के सचिव पद पर भी मई 2026 तक सेवा विस्तार दिया है. यह आदेश अगले निर्देश तक मान्य रहेगा. इसका अर्थ है कि मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों के बीच सरकार रक्षा नेतृत्व में निरंतरता बनाए रखना चाहती है.
जनरल अनिल चौहान को 30 सितंबर 2022 को देश का दूसरा सीडीएस नियुक्त किया गया था. उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई थी और वे इस महीने सेवानिवृत्त होने वाले थे. हालांकि उनकी भूमिका और रणनीतिक दृष्टिकोण को देखते हुए सरकार ने अब उन्हें अतिरिक्त कार्यकाल सौंपा है. यह कदम भारतीय सेना के मनोबल और रणनीतिक योजनाओं को मजबूती देने वाला माना जा रहा है.
जनरल चौहान 1981 में भारतीय सेना में कमीशंड हुए थे. अपने करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कमान और स्टाफ नियुक्तियों का नेतृत्व किया. उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है. उनका सैन्य अनुभव और नेतृत्व क्षमता ही उन्हें मौजूदा दौर में भारतीय रक्षा व्यवस्था का अहम चेहरा बनाती है.
हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में तीनों सेनाओं के बीच जिस स्तर का तालमेल दिखा, उसका श्रेय भी सीडीएस चौहान को दिया गया. इस ऑपरेशन ने साबित किया कि भारत की सेनाएं किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं. फिलहाल चौहान तीनों सेनाओं के एकीकरण और संयुक्त ढांचे को सुदृढ़ करने में जुटे हैं. यह पहल भविष्य की सुरक्षा रणनीतियों में बेहद अहम मानी जा रही है.