Parliament News: बीजू जनता दल (BJD) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को संसद में दो अलग-अलग रास्ते अपनाए. बीजेडी ने विपक्ष के साथ मिलकर राज्यसभा से वॉकआउट किया, जबकि वाईएसआरसीपी ने ऐसे विरोध प्रदर्शनों से खुद को दूर रखा. दोनों ही पार्टियां किसी गठबंधन (INDIA या NDA) का हिस्सा नहीं हैं. संसद में पहले भी कई मौकों पर भाजपा का समर्थन करने वाली बीजू जनता दल (बीजेडी) ने विपक्ष का साथ दिया और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब के दौरान वॉकआउट किया हालांकि, भाजपा को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) का समर्थन मिला, जिसने प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान व्यवधान के लिए विपक्ष की निंदा की.
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश तथा ओडिशा में विधानसभा चुनावों के दौरान वाईएसआरसीपी और बीजेडी दोनों ही राष्ट्रीय स्तर के किसी भी गठबंधन से दूर रहे. आम चुनाव में दोनों पार्टियों को निराशाजनक प्रदर्शन देखने को मिला, लेकिन वे अपने-अपने राज्यों ओडिशा और आंध्र प्रदेश में सत्ता भी खो बैठे. आंध्र प्रदेश से वाईएसआरसीपी और ओडिशा से बीजेडी की विदाई हो गई.
बुधवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दिए जाने पर विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की. बीजद नेता और राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा ने अपने पार्टी सहयोगियों के साथ विपक्षी इंडिया गठबंधन के साथ राज्यसभा से वॉकआउट किया.
संसद के बाहर समाचार एजेंसी पीटीआई ने पात्रा के हवाले से कहा कि ये प्रधानमंत्री का एक और नियमित जवाब था, जिसमें उन्होंने अपनी सरकार की वही उपलब्धियां गिनाईं. जब ओडिशा के लोगों की आकांक्षाएं और मांगें इसमें शामिल नहीं हैं, तो एक और विचार-विमर्श में बैठने का कोई मतलब नहीं है.
पात्रा ने ये भी कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों में ओडिशा और विशेष श्रेणी के दर्जे की उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग का कोई जिक्र नहीं था. उन्होंने आगे कहा कि कोयला रॉयल्टी में वृद्धि, पूर्वी राज्य में नेशनल हाइवे, रेलवे और दूरसंचार की उपस्थिति की उनकी पार्टी की मांग भी इसमें नहीं दिखी.
इस बीच, वाईएसआरसीपी ने ऐसे विरोध प्रदर्शनों से दूरी बनाए रखी. राज्यसभा में वाईएसआरसीपी के नेता वी विजयसाई रेड्डी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री के लोकसभा में भाषण के दौरान विपक्ष के विरोध प्रदर्शनों की निंदा की. रेड्डी ने कहा कि इसकी निंदा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को धैर्यपूर्वक सुना जाना चाहिए था, क्योंकि वे केवल विभिन्न सांसदों की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब दे रहे थे. रेड्डी ने कहा कि विपक्ष ने जो किया है ,वो संसद में सुदृढ़ लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मिसालों के अनुरूप नहीं है.
वाईएसआरसीपी और बीजद दोनों ने केंद्र में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान संसद में प्रमुख विधायी मामलों पर भाजपा का समर्थन किया था. लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद वाईएसआरसीपी और बीजेडी की राज्यसभा में अच्छी-खासी मौजूदगी बनी हुई है.
उनकी भूमिका इसलिए महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के पास उच्च सदन में बहुमत नहीं है. 245 सदस्यीय राज्यसभा में बीजद के 9 सदस्य हैं, जबकि वाईएसआरसीपी के 11 सदस्य हैं. लोकसभा में बीजद का कोई सांसद नहीं है, जबकि निचले सदन यानी लोकसभा में वाईएसआरसीपी के 4 सदस्य हैं.