menu-icon
India Daily

'भारत और पाकिस्तान...', आतंकवाद के खात्मे के लिए बिलावल भुट्टो का बड़ा बयान, अमेरिका में थरूर से होगा आमना-सामना

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव ने एक बार फिर दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता की आवश्यकता को रेखांकित किया है. बिलावल भुट्टो का खुफिया सहयोग और कूटनीति पर जोर इस दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है, बशर्ते दोनों देश आपसी विश्वास और सहयोग के साथ आगे बढ़ें.

auth-image
Edited By: Mayank Tiwari
Bilawal Bhutto-Zardari and Shashi Tharoor
Courtesy: Social Media

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के बीच सहयोग दक्षिण एशिया में आतंकवाद को काफी हद तक कम कर सकता है. मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बिलावल ने यह बयान दिया.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,  वह वर्तमान में एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अमेरिका की यात्रा पर हैं, जिसका उद्देश्य हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव के बाद वैश्विक समर्थन हासिल करना है. डॉन अखबार के हवाले से बिलावल ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि अगर आईएसआई और रॉ एक साथ बैठकर इन ताकतों से लड़ने के लिए काम करें, तो भारत और पाकिस्तान दोनों में आतंकवाद में भारी कमी देखने को मिलेगी.”

भारत-पाकिस्तान तनाव और पाहलगाम हमला

दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव उस समय बढ़ गया जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में आतंकी हमला हुआ. इसके जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए. इसके बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले करने की कोशिश की, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया. 

10 मई को दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच बातचीत के बाद स्थिति शांत हुई, जहां दोनों पक्षों ने आगे की कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताई. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका ने इस संघर्ष को रोकने में मध्यस्थता की, लेकिन भारत ने बार-बार कहा कि यह डीजीएमओ के बीच सीधे संवाद और समझौते का परिणाम था. 

बिलावल भुट्टो का वैश्विक समुदाय से आह्वान

बिलावल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में वैश्विक समुदाय से दक्षिण एशिया में सक्रिय रहने की अपील की. उन्होंने चेतावनी दी कि परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसी देशों के बीच संघर्ष का खतरा कम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मध्यस्थता से, विशेष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम, जिसमें विदेश मंत्री मार्को रुबियो शामिल हैं, उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम हासिल करने में मदद की. यह एक स्वागत योग्य पहला कदम है, लेकिन यह केवल पहला कदम है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि कूटनीति और बातचीत ही शांति का एकमात्र “व्यवहार्य मार्ग” है. बिलावल ने पाकिस्तान की ओर से भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करने की इच्छा दोहराई. उन्होंने कहा, “पाकिस्तान अभी भी भारत के साथ आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग करना चाहता है. हम 1.5 अरब, 1.7 अरब लोगों के भाग्य को गैर-राज्य तत्वों और आतंकवादियों के हाथों में नहीं छोड़ सकते... जो अपनी मर्जी से यह तय करें कि ये दो परमाणु शक्ति संपन्न देश कब युद्ध में उतरेंगे.”

भारत का शशि थरूर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल

इसी बीच, भारत के विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन डीसी पहुंचा है. इस प्रतिनिधिमंडल में सरफराज अहमद (जेएमएम), गंती हरीश मधुर बालयोगी (टीडीपी), शशांक मणि त्रिपाठी (बीजेपी), भुवनेश्वर कलिता (बीजेपी), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (बीजेपी) और भारत के पूर्व अमेरिकी राजदूत तरनजीत संधु शामिल हैं. यह प्रतिनिधिमंडल 24 मई को भारत से न्यूयॉर्क पहुंचा था और गुयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील की यात्रा के बाद अब वाशिंगटन में अपनी अंतिम यात्रा पर है. 

यह प्रतिनिधिमंडल अगले दो दिनों में अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों, प्रशासन, थिंक टैंक्स, मीडिया और नीति निर्माताओं के साथ मुलाकात करेगा. इसका उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देना है, जो जम्मू-कश्मीर में हाल के आतंकी हमलों के बाद आतंकवाद और दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए शुरू की गई एक कूटनीतिक पहल है. 

बिलावल का वाशिंगटन दौरा

दूसरी ओर, बिलावल भुट्टो के नेतृत्व में पाकिस्तानी संसदीय प्रतिनिधिमंडल भी बुधवार को वाशिंगटन डीसी पहुंचने वाला है. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात के बाद, बिलावल ने संवाददाताओं से कहा कि उनका प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधियों और सांसदों से मुलाकात करेगा. 

भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता

शशि थरूर के नेतृत्व वाला भारतीय प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन में अपनी बैठकों के दौरान भारत के आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को रेखांकित करेगा और पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों पर जोर देगा. यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच महत्वपूर्ण माना जा रहा है.