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India Daily

'पाक लीडरशिप-सेना कट्टर धार्मिक विचारधारा से प्रेरित', एस जयशंकर ने दुनिया के सामने खोली पाकिस्तान की पोल

अधिकांश पर्यटक थे पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा किया गया था, जिन्होंने हिंदू धर्म के आधार पर पीड़ितों को निशाना बनाया था. उन्होंने कहा, उनकी आस्था का पता लगाने के बाद 26 लोगों की उनके परिवारों के सामने हत्या कर दी गई. धार्मिक मतभेद पैदा करने के लिए जानबूझकर धर्म का तत्व शामिल किया गया.

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Edited By: Reepu Kumari
Foreign minister S Jaishanka
Courtesy: Pinterest

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान के नेतृत्व, विशेषकर उसके सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर 'चरम धार्मिक दृष्टिकोण' से प्रेरित होने का आरोप लगाया. डच प्रसारक एनओएस से बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि पहलगाम में हमला, जिसमें 26 नागरिक मारे गए - जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे - पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा किया गया था, जिन्होंने हिंदू धर्म के आधार पर पीड़ितों को निशाना बनाया था.

उन्होंने कहा, उनकी आस्था का पता लगाने के बाद 26 लोगों की उनके परिवारों के सामने हत्या कर दी गई. धार्मिक मतभेद पैदा करने के लिए जानबूझकर धर्म का तत्व शामिल किया गया.'

भारत का एक्शन जारी

भारत पाकिस्तान को मुह तोड़ जवाब दे रहा है. भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के एक और अधिकारी को निष्कासित कर दिया. अधिकारी को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया. ये एक ऐसा शब्द जिसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी विदेशी राजनयिक का मेजबान देश में स्वागत नहीं होता और उसे 24 घंटे के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में काम कर रहे एक पाकिस्तानी अधिकारी को भारत में अपने आधिकारिक दर्जे के अनुरूप गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित घोषित कर दिया है. अधिकारी को 24 घंटे के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया है.

पहलगाम हमले के बाद से भारत का सख्त रुख

वहीं, इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए. उसने दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के सदस्यों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी, लंबे समय से चली आ रही सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और अटारी-वाघा भूमि सीमा चौकी को बंद कर दिया. इन फैसलों के तहत इस्लामाबाद में तैनात भारतीय राजनयिकों को भी वापस बुलाया गया. हाल के दिनों में तनाव थोड़ा कम हुआ है. बीते 10 मई को दोनों देश ज़मीन, हवा और समुद्र पर सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमत हुए.