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India Daily

पाकिस्तान ने फिर तोड़ा सीजफायर, गोलाबारी की आड़ में 50 आतंकियों ने की भारत में घुसने की कोशिश

बीएसएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) एसएस मंड के अनुसार , पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और आतंकवादियों को अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने में मदद करने के लिए भारी गोलीबारी की.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Jammu and Kashmir
Courtesy: Social Media

सीमा सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 8 मई को जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में करीब 45 से 50 आतंकवादियों ने घुसपैठ की कोशिश की. जवानों ने की गई घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया. यह प्रयास कथित तौर पर पाकिस्तान द्वारा समर्थित था और सीमा पार से गोलाबारी की आड़ में किया गया था.

बीएसएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) एसएस मंड के अनुसार , पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और आतंकवादियों को अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने में मदद करने के लिए भारी गोलीबारी की. डीआईजी मंड ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि हमारे बहादुर सैनिकों ने उन्हें बहुत नुकसान पहुंचाया है. हमें खुफिया जानकारी मिली थी कि एक बड़ा समूह घुसपैठ की कोशिश कर रहा है. हम उनके लिए तैयार थे और हमने 8 मई को उनका पता लगा लिया.

बीएसएफ के अधिकारी अग्रिम मोर्चे पर मौजूद थे

घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए एसएस मंड ने कहा, जैसा कि अपेक्षित था, उन्होंने अपनी चौकियों से भारी गोलीबारी के साथ जवाबी कार्रवाई की. हमने उन पर भारी और सटीक गोलीबारी की. यह एक प्रमुख कारक था. उन्हें अपनी चौकियों से भागते हुए देखा गया. हमने उन्हें 1.5 घंटे में काबू कर लिया. उन्होंने कहा कि बीएसएफ के अधिकारी अग्रिम मोर्चे पर मौजूद थे, जिससे जवानों का मनोबल ऊंचा बना रहा. उन्होंने महिला जवानों के समर्पण की भी प्रशंसा की. 

महिला सैनिकों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारी महिला सैनिक अपने पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहीं और सभी कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से पूरा किया. हमें वास्तव में उन पर गर्व है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को पुंछ ब्रिगेड मुख्यालय का दौरा किया और जवानों से मुलाकात की. 

बीटिंग रिट्रीट फिर से शुरू

इस बीच बीएसएफ ने पंजाब सीमा पर तीन संयुक्त चौकियों - अटारी-वाघा, हुसैनीवाला और सादकी पर बीटिंग रिट्रीट समारोह फिर से शुरू कर दिया है. पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर की शुरूआत के बाद 9 मई को झंडा उतारने की दैनिक रस्म स्थगित कर दी गई थी . अब यह फिर से आम जनता के लिए खुल गई है.