Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर में 14 दिनों की कड़ी निगरानी और खुफिया कार्रवाई के बाद भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन महादेव के तहत तीन आतंकियों को ढेर कर दिया. पहलगाम हमले में भी ये आतंकी शामिल बताए जा रहे हैं. ऑपरेशन की शुरुआत दाचिगाम के जंगलों से मिले संदिग्ध संचार संकेतों के बाद हुई. स्थानीय घुमंतू समुदाय से मिली अहम सूचनाओं ने सुरक्षा बलों को संदेहास्पद गतिविधियों वाले इलाके की पहचान करने में मदद की. इसके बाद सेना ने उस क्षेत्र में सघन सर्च ऑपरेशन शुरू किया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुबह करीब 11:30 बजे, सेना की 24 राष्ट्रीय राइफल्स और 4 पैरा स्पेशल फोर्सेज की टीम ने तीन आतंकियों के एक ग्रुप को चिन्हित किया. यह ग्रुप एक पेड़ के नीचे गुप्त बंकर में छिपा हुआ था और घने जंगल में छिपकर बड़ी वारदात की योजना बना रहा था. करीब 12:37 बजे, चिनार कॉर्प्स ने पुष्टि की कि तीनों आतंकी मारे जा चुके हैं.
सूत्रों के अनुसार, मारे गए आतंकियों का संबंध लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के संयुक्त मॉड्यूल से था, जिस पर पिछले 14 दिनों से नजर रखी जा रही थी. माना जा रहा है कि यह समूह कुल 5 से 7 आतंकियों का है, जिसमें से तीन को मार गिराया गया है जबकि बाकी की तलाश जारी है.
खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, इन आतंकियों ने पहलगाम हमले में हिस्सा लिया था, जहां बाइसारन घाटी में पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी गई थी. हमले में महिलाओं और बच्चों तक को नहीं बख्शा गया था.
इस हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी शिविरों को नष्ट कर 100 से अधिक आतंकियों को ढेर किया गया था लेकिन पहलगाम हमले में सीधे शामिल आतंकियों की तलाश जारी थी, जिसे अब ऑपरेशन महादेव के जरिए सफलता मिली है. सुरक्षा बल अब मारे गए आतंकियों की पहचान कर रहे हैं ताकि यह पुष्टि हो सके कि ये वही आतंकी हैं जो पहलगाम नरसंहार में शामिल थे.