Assam Coal Mine Accident: अधिकारियों ने बताया कि असम के दीमा हसाओ जिले में कोयला खदान के अंदर फंसे 9 मजदूरों में से एक का शव बुधवार को बचाव अभियान के तीसरे दिन भारतीय सेना की गोताखोर टीम ने बरामद किया है. कुएं से बरामद शव की पहचान नेपाल के उदयपुर जिले के गंगा बहादुर श्रेष्ठो के रूप में हुई है.
भारतीय सेना, असम राइफल्स, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और अन्य एजेंसियों के नेतृत्व में संयुक्त बचाव अभियान सुबह-सुबह फिर से शुरू हुआ. पिछली शाम को अभियान को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा था. एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट एन तिवारी के अनुसार, विस्तारित टीम के साथ प्रयास चौबीसों घंटे जारी हैं.
#WATCH | UPDATE | Dima Hasao, Assam: One body recovered from the coal mine at 3 Kilo, Umrangso area where 9 people were trapped on January 6. Search and rescue operation is still underway. pic.twitter.com/q4KvJQjQvJ
— ANI (@ANI) January 8, 2025Also Read
बचाव अभियान जोरों पर
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक एक्स पोस्ट में कहा, "21 पैरा गोताखोरों ने अभी-अभी कुएं के तल से एक शव बरामद किया है. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं." सरमा ने कहा कि बचाव अभियान पूरे जोरों पर जारी है, सेना और एनडीआरएफ के गोताखोर पहले ही कुएं में उतर चुके हैं. उन्होंने कहा कि नौसेना के जवान मौके पर हैं और उनके बाद गोता लगाने की अंतिम तैयारी कर रहे हैं.
सरमा ने मंगलवार को कहा था कि खदान "अवैध प्रतीत होती है" और पुलिस ने घटना के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.
कोयला खदान में क्या हुआ?
यह हादसा 6 जनवरी को हुआ, जब उमरंगसो के 3 किलो क्षेत्र में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे कोयला खदान जलमग्न हो गई. यह क्षेत्र व्यापक खनन गतिविधियों के लिए जाना जाता है. 26 से 57 वर्ष की आयु के ये खनिक खदान में काम कर रहे थे, जब पानी भर गया. संभवतः खुदाई के दौरान भूमिगत जल स्रोत को हुए नुकसान के कारण ऐसा हुआ.
300 फीट गहरी है खान
7 जनवरी को सतह से तीन मृत श्रमिकों के शव देखे गए, लेकिन खदान की गहराई के कारण बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण रहे, जो जमीन से 300 फीट नीचे है. शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि हेलमेट और चप्पल पानी की सतह पर तैर रहे थे, जिससे अभी भी फंसे लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है.
खतरनाक इलाके में है खान
खदान उमरंगसो के पहाड़ी, सुदूर क्षेत्र में स्थित है, जहां बचाव कार्य कठिन भूभाग और बाढ़ग्रस्त खदान की खतरनाक स्थिति के कारण कठिन है. चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद, एनडीआरएफ और सेना के गोताखोरों सहित बचाव दल फंसे हुए खनिकों तक पहुंचने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. बचाव प्रयासों में सहायता के लिए नौसेना के गोताखोरों को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है.
फंसे हुए खनिकों में असम, पश्चिम बंगाल और नेपाल के लोग शामिल हैं, जिनमें नेपाल के उदयपुर जिले के गंगा बहादुर श्रेठ, पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के कृष्ण पद सरकार और असम के हुसैन अली, जाकिर हुसैन और मुस्तफा शेख सहित कई अन्य लोग शामिल हैं.