लोकसभा चुनाव के नतीजे दिखा रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में बहुत कुछ बदल रहा है. कई दशकों में पहली बार ऐसा हुआ कि जम्मू-कश्मीर में बंपर वोटिंग हुई. अब नतीजों ने भी हर किसी को चौंकाया है. जम्मू-कश्मीर के लोकसभा चुनाव में उतरे दोनों पूर्व मुख्यमंत्री यानी महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला चुनाव अपना चुनाव लगभग हार गए हैं. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कश्मीर की सीटों पर अपने उम्मीदवार ही नहीं उतारे थे. जम्मू की दोनों सीटों पर बीजेपी निर्णायक बढ़त ले चुकी है. वहीं, बारामुला से चुनाव लड़ रहे उमर अब्दुल्ला ने तो हार स्वीकार भी कर ली है.
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. महबूबा मुफ्ती की पीडीपी अकेले चुनाव लड़ी थी. वहीं, बीजेपी ने सिर्फ जम्मू की सीटों पर कैंडिडेट उतारे और कश्मीर की सीटों को लेकर चुप्पी साधे रखी. हालांकि, उसने लगातार लोगों से अपील की थी कि जम्मू-कश्मीर के इन परिवारों को हराने के लिए वोट दें. कश्मीर में उसने किसी को समर्थन तो नहीं दिया लेकिन इन नेताओं को हराने की अपील जरूर की थी.
3:30 बजे तक के रुझानों के मुताबिक, महबूबा मुफ्ती अनंतनाग-राजौरी सीट से और उमर अब्दुल्ला बारामुला सीट से पीछे थे. दो सीटों पर बीजेपी, दो पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और एक पर निर्दलीय उम्मीदवार आगे चल रहा था. बारामुला में अब्दुल राशिद शेख ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला को बड़े अंतर से पीछे छोड़ दिया है.
वहीं, अनंतनाग-राजौरी सीट पर चुनाव लड़ने वाली महबूबा मुफ्ती नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्हताफ अहमद से ढाई लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से पीछे हो गई हैं. ऐसा लगता है कि नया परिसीमन महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को ही रास नहीं आया है और दोनों ही हारने जा रहे हैं.