एक महिला का अपनी आवासीय सोसाइटी में यूं ही टहलना उस समय मुश्किल में बदल गया जब एक सात साल के लड़के ने कथित तौर पर उसके साथ छेड़छाड़ की. महिला ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो में इस घटना का ज़िक्र करते हुए बताया कि लड़के ने उसे "ओ लाल परी" कहकर छेड़ा. उसने लंबी स्कर्ट और लाल टॉप पहना हुआ था. शुरुआत में तो वह अचंभित रह गई और उसे समझ नहीं आया कि क्या प्रतिक्रिया दे. स्थिति तब और बिगड़ गई जब उसने सोसाइटी के चौकीदार को खिलखिलाते हुए देखा. जब वह फिर से उस लड़के के पास से गुजरी तो वह चिल्लाया, कौन हैं तू, चलेगी क्या?
लड़के की बात सुनकर महिला का संयम टूट गया और वह उससे भिड़ गई. सुरक्षा गार्ड ने बीच-बचाव किया और लड़के को माफ़ी मांगने का निर्देश दिया. हालांकि, लड़के ने आधे-अधूरे मन से माफ़ी मांगी और फिर वह तेज़ी से भाग गया.
ओ लाल परी, चलेगी क्या?
किरण ग्रेवाल ने लिखा, अपनी ही सोसाइटी में टहलते हुए एक 6-7 साल के लड़के ने मुझे आवाज़ दी: 'ओ लाल परी, चलेगी क्या?' यही लाइन बड़े आदमी सड़कों पर औरतों को परेशान करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. आस-पास के सभी लोग हंस पड़े यहां तक कि सिक्योरिटी गार्ड भी. लेकिन मुझे यह मज़ाक नहीं लगा. क्योंकि यहीं से इसकी शुरुआत होती है. एक बच्चा ऐसे शब्दों का आविष्कार नहीं करता वह उन्हें सुनता है, देखता है और उनकी नकल करता है. अगर इसे ठीक न किया जाए, तो यह मस्ती उत्पीड़न बन जाती है.
महिला ने लगाए आरोप
महिला ने आरोप लगाया कि सुरक्षा गार्ड ने लड़के की अच्छी पारिवारिक पृष्ठभूमि का हवाला देकर और यह कहकर कि वह किसी को ठेस पहुंचाने के इरादे से "सिर्फ़ मज़ाक" कर रहा था, मामले को कमतर आंकने की कोशिश की. इस तर्क से महिला और भी निराश हो गई, क्योंकि उसे लगा कि गार्ड सिर्फ़ इसलिए उसके व्यवहार को सही ठहरा रहा है क्योंकि अपराधी एक छोटा बच्चा था, यानी अगर एक निश्चित उम्र का कोई व्यक्ति छेड़छाड़ करे तो वह स्वीकार्य है.
इस वीडियो ने व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया, कई लोगों ने इस घटना को परेशान करने वाला बताया और भारत में महिलाओं की सुरक्षा और पालन-पोषण को लेकर चिंताएं जताईं. कुछ यूज़र्स ने सुझाव दिया कि महिला को इस मामले में बच्चे के माता-पिता को भी शामिल करना चाहिए था.