ओडिशा भारतीय जनता पार्टी नेता जगन्नाथ प्रधान को भुवनेश्वर नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू पर कथित हमले के सिलसिले में गुरुवार शाम गिरफ्तार कर लिया गया. प्रधान की गिरफ्तारी ओडिशा प्रशासनिक सेवा संघ द्वारा काम बंद करने और तीव्र विरोध प्रदर्शन तथा विपक्षी दलों के बढ़ते दबाव के बीच हुई है
भुवनेश्वर सेंट्रल से 2024 का ओडिशा विधानसभा चुनाव हारने वाले भाजपा नेता ने भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) कार्यालय में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. गिरफ्तारी से पहले उन्होंने कहा, मैं जांच में सहयोग करने के लिए यहां आया हूं. अगर मेरी गिरफ्तारी से समस्या सुलझ सकती है, तो मैं सहयोग करने के लिए तैयार हूं.
जगन्नाथ प्रधान ने बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त पर कथित हमले की घटना में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया. बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त पर हमले से मेरा कोई संबंध नहीं है. यह मेरी पार्टी और हमारी सरकार को बदनाम करने की साजिश है. भाजपा नेता पर हमला और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है.
बीएमसी कार्यालय में अधिकारी पर हमला
बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू पर सोमवार को बीएमसी कार्यालय में कथित हमला हुआ. साहू एक वरिष्ठ ओएएस अधिकारी को उनके चैंबर से घसीटा गया, लात मारी और कुछ व्यक्तियों के समूह द्वारा हमला किया गया, जिनमें से कुछ कथित तौर पर जगन्नाथ प्रधान से जुड़े थे. हमले के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसमें अधिकारी पर सार्वजनिक रूप से हमला किया गया, जिसकी सभी राजनीतिक दलों ने निंदा की. हमले को लेकर प्रधान के अलावा बीजेपी पार्षद अपरूप नारायण राउत, संजीव मिश्रा, सचिकांत स्वैन, रश्मी महापात्रा और देबाशीष प्रधान को गिरफ्तार किया गया है.
बीजू जनता दल ने लगाए आरोप
ओडिशा प्रशासनिक सेवा संघ ने प्रधान की गिरफ़्तारी की मांग की थी और उन्हें हमले के पीछे का "मुख्य आरोपी" और "सरगना" बताया था. संघ ने उनकी गिरफ़्तारी के लिए राज्य सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था. अधिकारी मंगलवार से काम बंद हड़ताल पर भी चले गए. इस घटना ने राजनीतिक विवाद को भी हवा दे दी है, विपक्षी बीजू जनता दल (बीजेडी) और कांग्रेस ने बीजेपी पर नौकरशाही का “भगवाकरण” करने का आरोप लगाया है.