एयरबस के ए320 परिवार के विमानों में अचानक लागू किए गए अनिवार्य सॉफ्टवेयर अपडेट ने वैश्विक विमानन संचालन को प्रभावित कर दिया है. इस निर्देश के बाद कई एयरलाइंस को उड़ानें रोकनी पड़ीं और यात्रियों को देरी का सामना करना पड़ा. एयरबस के सीईओ गिलॉम फॉरी ने कहा कि यह कदम हाल ही में सामने आए एक तकनीकी जोखिम के चलते उठाना जरूरी था और कंपनी की प्राथमिकता सिर्फ सुरक्षा है. उन्होंने आश्वासन दिया कि विशेषज्ञ टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं ताकि विमान जल्द से जल्द सामान्य संचालन में लौट सकें.
एयरबस सीईओ गिलॉम फॉरी ने लिंक्डइन पर बयान जारी कर कहा कि सॉफ्टवेयर फिक्स के कारण कई एयरलाइंस को लॉजिस्टिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने यात्रियों और ऑपरेटर्स से खेद जताते हुए कहा कि उड़ान सुरक्षा को देखते हुए यह अपडेट तुरंत लागू करना अनिवार्य था. फॉरी के अनुसार, एयरबस टीमें लगातार ऑपरेटरों के साथ मिलकर समस्या का समाधान कर रही हैं और विमानों को जल्द सेवा में लौटाने की दिशा में काम जारी है.
एयरबस द्वारा 28 नवंबर को जारी तत्काल निर्देश के तहत विश्वभर में लगभग 6,000 ए320 परिवार के विमान प्रभावित हुए हैं. यह संख्या कुल सक्रिय ए320 बेड़े का आधे से अधिक हिस्सा है. इस अपडेट की जरूरत उस घटना के बाद महसूस हुई जिसमें तीव्र सौर विकिरण से उड़ान नियंत्रण प्रणाली में आवश्यक डेटा भ्रष्ट होने की आशंका सामने आई थी. विशेषज्ञों ने इसे विमान संचालन की निरंतर सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया.
भारत के डीजीसीए ने इस निर्देश के बाद सभी घरेलू एयरलाइंस को प्रभावित A318, A319, A320 और A321 विमानों को तुरंत ग्राउंड करने का आदेश दिया है. नियामक ने साफ किया कि निरीक्षण और सॉफ्टवेयर अपडेट पूरे होने तक कोई भी विमान उड़ान नहीं भर सकता. एयरलाइंस को एयरवर्थीनेस प्रोसिजर मैनुअल के अनुसार सभी अपडेट की पुष्टि करनी होगी और अपनी मास्टर मेंडेटरी मॉडिफिकेशन लिस्ट भी संशोधित करनी होगी.
डीजीसीए ने निर्देश दिया कि एयरलाइंस को यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) के सभी प्रोटोकॉल के अनुसार अनिवार्य सुरक्षा उपाय पूरे करने होंगे. अधिकारियों का कहना है कि यह कदम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी संभावित तकनीकी जोखिम को पहले ही रोकने के लिए उठाया गया है. कई एयरलाइंस ने कहा कि वे एयरबस और नियामक एजेंसियों के साथ मिलकर जल्द से जल्द सभी अपडेट्स पूरा करने की प्रक्रिया में जुटी हैं.
एयरबस ने स्पष्ट किया है कि इंजीनियरिंग टीमें लगातार ऑपरेटरों के साथ तालमेल बिठाकर सॉफ्टवेयर अपग्रेड लागू कर रही हैं. कंपनी का लक्ष्य है कि प्रभावित विमान जल्द से जल्द फिर से सुरक्षित रूप से उड़ान भर सकें. एयरलाइन उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अल्पकालिक बाधा जरूर पैदा करता है, लेकिन लंबी अवधि में इसे यात्रियों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी माना जा रहा है.