नदिया जिले का तेहट्टा इलाका इस समय भय और गुस्से के माहौल में है. महज नौ साल का स्वर्णभा मंडल घर से खेलने निकला और वापस नहीं लौटा. अगले दिन उसका शव तालाब से बरामद हुआ. गुस्साई भीड़ ने शक के आधार पर पड़ोस में रहने वाले दंपति पर हमला कर उनकी जान ले ली. तीन दिनों में तीन मौतों ने इस शांत कस्बे को उथल-पुथल में डाल दिया है.
शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे स्वर्णभा मंडल अपने दोस्तों के साथ खेलने गया था. दो घंटे बीतने के बाद भी जब वह घर नहीं लौटा तो परिजन परेशान हो उठे. उन्होंने ग्रामीणों की मदद से इलाके की तलाश शुरू की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. देर रात तक जब बच्चा नहीं मिला तो परिवार ने तेहट्टा थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई और पुलिस से तत्काल कार्रवाई की गुहार लगाई.
शनिवार सुबह एक तालाब में प्लास्टिक में लिपटा हुआ संदिग्ध पैकेट मिला. जब ग्रामीणों ने उसे खोला तो अंदर स्वर्णभा का शव था. खबर फैलते ही गुस्सा फूट पड़ा. लोगों ने शक के दायरे में उत्पल और सोमा बिस्वास नामक दंपति को लिया, जिनका परिवार से पुराना झगड़ा था. देखते ही देखते भीड़ ने उनके घर पर धावा बोल दिया, गोदाम में आग लगा दी और दोनों को बाहर खींचकर पीटना शुरू कर दिया.
गुस्साई भीड़ की मार से दंपति मौके पर ही लहूलुहान हो गए. पुलिस जब तक पहुंची, दोनों बेहोश पड़े थे. अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और इलाके में सुरक्षा के लिए पुलिस पिकेट तैनात कर दिया गया है. हालांकि अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. स्थानीय लोग पुलिस पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं कि यदि गुमशुदगी की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाती तो बच्चा बच सकता था और समय पर पहुंचने से दंपति की जान भी बचाई जा सकती थी.
इस दर्दनाक घटना ने इलाके को शोक और गुस्से में डूबा दिया है. लोग कह रहे हैं कि दो दिनों में तीन जानें चली गईं पहले मासूम बच्चा और फिर शक के आधार पर एक दंपति. ग्रामीण इसे पुलिस की नाकामी बता रहे हैं. वहीं पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. यह घटना एक बार फिर भीड़तंत्र और पुलिस लापरवाही दोनों पर सवाल खड़े करती है.