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India Daily

चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन हादसा: PM मोदी ने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए किया मुआवजे का ऐलान

चेन्नई में इमारत ढहने से हुए हादसे ने कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्घटना पर शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये और घायलों को पचास हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

Chennai Thermal Power Station accident: तमिलनाडू की राजधानी चेन्नई में एक बड़ा हादस हुआ है. नॉर्थ चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन पर लगभग 30 फीट ऊंचाई पर एक मेहराब का निर्माण चल रहा था. अचानक ढांचा भरभरा कर गिर गया और मलबे में कई मजदूर दब गए. मौके पर अफरातफरी मच गई और साथी मजदूर बचाव के लिए दौड़े. 

हादसे में नौ मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को नॉर्थ चेन्नई के स्टैनली सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर उनकी हालत पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है. साथ ही मृतकों व घायलों को मुआवजा देने का भी ऐलान किया है.

प्रधानमंत्री ने की मुआवजे की घोषणा

हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया है. पीएमओ इंडिया ने ट्वीट कर कहा कि इस कठिन घड़ी में उनकी संवेदनाएं प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के साथ हैं और वे घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं. प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जबकि घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद प्रदान की जाएगी.

प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया

तमिलनाडु विद्युत बोर्ड के सचिव और TANGEDCO के अध्यक्ष डॉ. जे. राधाकृष्णन तुरंत अस्पताल पहुंचे और घायलों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि हादसे के पीछे की वजह की जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. अवादी पुलिस कमिश्नरेट की टीम ने भी घटना स्थल का निरीक्षण किया और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है. बचावकर्मियों ने मलबे से मजदूरों को बाहर निकालने का काम देर रात तक जारी रखा.

निर्माण कार्यों की सुरक्षा पर उठे सवाल

चेन्नई हादसे ने एक बार फिर देशभर में निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की स्थिति पर बहस छेड़ दी है. मजदूर संगठनों का कहना है कि प्रवासी श्रमिक अक्सर कठिन परिस्थितियों में बिना उचित सुरक्षा उपकरणों के काम करने को मजबूर होते हैं. यह घटना फरवरी में मधुरै में हुए उस हादसे की याद दिलाती है, जब बस स्टैंड पर मेहराब तोड़ने के दौरान पिलर गिर गया था और एक मजदूर की जान चली गई थी. अब सवाल उठ रहा है कि आखिर कब तक सुरक्षा की अनदेखी मजदूरों की जान पर भारी पड़ती रहेगी.