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India Daily

भारत के खिलाफ अभी भी सक्रिय है आतंकी हाफिज सईद का नेटवर्क, NIA ने कोर्ट में किया बड़ा खुलासा

NIA ने यह भी बताया कि राणा के खिलाफ कई दस्तावेज और सबूत मौजूद हैं, जिनकी अभी और जांच होनी बाकी है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
NIA told court that terrorist Hafiz Muhammad Saeed network is still active against India
Courtesy: Social Media

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कोर्ट में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. एजेंसी ने बताया कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मुख्य आरोपी हाफिज मोहम्मद सईद और उसका आतंकी संगठन भारत के खिलाफ आज भी सक्रिय है. यह बयान NIA ने तहव्वुर राणा की रिमांड मांगते समय दिया, जो इस मामले में एक अन्य महत्वपूर्ण आरोपी है.

NIA ने कोर्ट को बताया कि हाफिज सईद का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा भारत के खिलाफ साजिश रचने में लगा हुआ है. मुंबई हमले में 170 से अधिक लोगों की जान लेने वाला यह संगठन आज भी अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. एजेंसी ने कहा कि इस नेटवर्क की पहुंच कई देशों तक है, और यह भारत को निशाना बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है.

तहव्वुर राणा की जांच में NIA की सख्ती

तहव्वुर राणा, जो एक कनाडाई-पाकिस्तानी मूल का व्यवसायी है, को हाल ही में अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया है. NIA ने कोर्ट में दलील दी कि राणा जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और सवालों के जवाब देने में टालमटोल कर रहा है. एजेंसी ने राणा की हिरासत बढ़ाने की मांग की ताकि उससे और महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की जा सके.

कोर्ट ने दी NIA को राहत

विशेष NIA कोर्ट ने बुधवार को तहव्वुर राणा की आवाज और हस्तलेख के नमूने लेने की अनुमति दी. इसके अलावा, सोमवार को कोर्ट ने राणा की NIA हिरासत को 12 दिन और बढ़ा दिया. कोर्ट ने माना कि NIA इस मामले की जांच पूरी मेहनत और सावधानी से कर रही है. जांच एजेंसी ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि राणा की सेहत का ध्यान रखा जा रहा है और उससे लंबे समय तक पूछताछ नहीं की जा रही, जैसा कि बचाव पक्ष ने दावा किया था.

राणा के वकील ने किया विरोध

राणा की ओर से वकील पीयूष साचदेव ने हिरासत बढ़ाने का विरोध किया. उन्होंने कोर्ट में तर्क दिया कि राणा से और पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है. हालांकि, NIA के वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान ने दलील दी कि राणा की भूमिका और आतंकी साजिश के वैश्विक कनेक्शन को समझने के लिए उसकी हिरासत जरूरी है.

26/11 मुंबई आतंकी हमला, जो लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था, भारत के इतिहास में एक दुखद घटना है. इस हमले में सैकड़ों लोग घायल हुए और कई परिवार बर्बाद हो गए.