menu-icon
India Daily

मुस्लिम लड़कियों की 15 साल की उम्र में शादी क्या बाल विवाह कानून का उल्लंघन नहीं? सुप्रीम कोर्ट पहुंचा NCPCR

पिछले साल जून में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ में दिए गए शादी के प्रावधान का हवाला देते हुए आदेश दिया था कि मुस्लिम लड़की जब प्यूबर्टी से गुजर जाती है (युवा हो जाती है) तो उसे मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने की इजाजत है और इसकी उम्र 15 साल तय की गई है.

auth-image
Edited By: India Daily Live
Marriage of Muslim Girls
Courtesy: social media

Delhi News: राष्ट्रीय बाल आयोग (NCPCR) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर पूछा है कि क्या बाल विवाह की अनुमति देने वाले मुस्लिम पर्सनल लॉ से बाल विवाह रोकने वाले कानून का उल्लंघन होगा? सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई के लिए राजी हो गया है.

जल्द की जाए सुनवाई
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई की जाए क्योंकि अलग-अलग हाईकोर्ट इस मामले में अलग-अलग फैसला सुना रहे हैं.

इसी बीच सीजेाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने कहा कि उन्हें इस मामले को निपटाना है इसलिए वे इस मामले को सुनवाई के लिए जल्द लिस्ट करेंगे.

हाईकोर्ट ने दिया मुस्लिम पर्सनल लॉ का हवाला
पिछले साल जून में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ में दिए गए शादी के प्रावधान का हवाला देते हुए आदेश दिया था कि मुस्लिम लड़की जब प्यूबर्टी से गुजर जाती है (युवा हो जाती है) तो उसे मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने की इजाजत है और इसकी उम्र 15 साल तय की गई है.

NCPCR ने दी आदेश को चुनौती
NCPCR ने अपनी याचिका में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के इस आदेश को चुनौती दी है. इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपील की थी कि मुस्लिम लड़कियों की शादी की उम्र को अन्य धर्मों की लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र के समान ही कर दिया जाए. बता दें कि देश में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 और लड़कों की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष है.

महिला आयोग ने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं को 15 साल की उम्र में शादी करने की अनुमति देना मनमानी, अतार्किक, भेदभावपूर्ण और कानून का उल्लंघन करने वाली बात है. महिला आयोग की याचिका में कहा गया है कि POCSO एक्ट भी कहता है कि 18 साल से कम उम्र की लड़की को युवा सेक्स के लिए अनुमति नहीं दे सकते.