नोएडा: चंद्रयान-3 अब जल्द ही चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला है. पूरा देश उस अद्भुत नजारे को देखने के लिए उत्सुक हैं. इस अभियान के बाद भारत विश्व का पहला देश होगा जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा. इन सबके बीच हम आपको एक 13 वर्षीय बच्ची के बारे में बताते हैं जिसको इसरो और नासा अवार्ड दे चुके हैं.
स्पेस की फ़ोटो अपने हाथ से बनाती है बच्ची
नोएडा की रहने वाली 9वी क्लास में पढ़ने वाली दीपशिखा पेंटिंग बनाने की शौकीन है. वह स्पेस से जुड़ी पेंटिंग बनाती हैं. दीपशिखा को स्पेस से जुड़ी पेंटिंग के लिए 15 देशों से पुरस्कार मिल चुका है. दीपशिखा बताती है कि मुझे बचपन से पेंटिंग का शौक था, आसमान में जो भी चीजे देखती थी उससे जुड़ी जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करती थी. दीपशिखा बताती है कि मैं बहुत छोटी थी तबसे स्पेस से जुड़ी पेंटिंग्स बना रही हूं. नासा ने मुझे इसके लिए अवार्ड भी दिया हुआ है.
पहली भारतीय जिसकी पेंटिंग नासा ने अपनी किताब पर छापा
दीपशिखा मूलतः पश्चिम बंगाल की रहने वाली है. वह बताती है कि साल 2019 में मैंने चंद्रमा की और एक बच्ची की पेंटिंग बनाई थी. वह नासा को भी भेजी थी जिसको नासा ने अपनी वार्षिक मैगजीन के कवर फोटो पर जगह दी थी. इस तरह लगातार तीन साल मुझे नासा ने अवार्ड दिया था. दीपशिखा को यूरोपीयन स्पेस एजेंसी से भी अवार्ड मिल चुका है.
पेंटिंग बेचकर करती है डोनेटदीपशिखा बताती है कि मुझे यूनाइटेड किंगडम, यूएस,जापान के कई पेंटिंग कॉम्पिटिशन में भी अवार्ड मिल चुका है. मैं अपनी पेंटिंग को बेचकर डोनेट कर देती हूं. कई बार मेरी पेंटिंग को नीति आयोग ने भी सराहा है और अपने सोशल मीडिया साइट्स पर प्रमोट भी किया है.
यह भी पढ़ें- Chandrayaan-3 की लैंडिंग पर दुनिया की नजर, जानिए क्या कह रहा है विदेशी मीडिया?