चंपाई: मिजोरम के चंपाई जिले में म्यांमार सीमा से सटे इलाके में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहली बार बड़ी कार्रवाई की है. यह छापेमारी 27 नवंबर 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई. ED की टीमें एक साथ मिजोरम के आइजोल और चंपाई, असम के करीमगंज जिले के श्रीभूमि क्षेत्र और गुजरात के अहमदाबाद में पहुंचीं. यह कार्रवाई मिजोरम पुलिस द्वारा NDPS एक्ट, 1985 की धारा 21(C), 25 और 29 के तहत दर्ज FIR पर आधारित थी.
इस FIR में छह व्यक्तियों से 4.724 किलो हेरोइन की बरामदगी का जिक्र है, जिसकी कीमत लगभग ₹1,41,66,000/- बताई गई थी. गिरफ्तार व्यक्तियों की फाइनेंशियल जांच में मिजोरम और गुजरात की कई कंपनियों के बीच पैसों के लेन-देन का बड़ा नेटवर्क सामने आया है. जांच में पता चला कि गुजरात की कुछ फर्में मिजोरम की कंपनियों को सूडोइफेड्रिन टैबलेट्स और कैफीन एन्हाइड्रस की सप्लाई करती थीं. कैफीन एन्हाइड्रस मेथामफेटामाइन टैबलेट बनाने में इस्तेमाल होने वाली महत्वपूर्ण प्री-प्रिकर्सर है.
मिजोरम स्थित इन फर्मों के तार चंपाई के उन ड्रग स्मगलरों से जुड़े पाए गए है जो कई सालों से तस्करी और हवाला ट्रांजैक्शन में शामिल रहे हैं. इसके अलावा फाइनैंशल लेन-देन का सम्बन्ध कोलकाता की कुछ शेल कंपनियों से भी मिला है, जिन्होंने कैफीन एन्हाइड्रस की खेप खरीदी थी. ये शेल कंपनियां अवैध नशा कारोबार के पैसों की आवाजाही को छिपाने के लिए उपयोग की जाती थीं.
जांच में यह खुलासा भी हुआ है कि मेथामफेटामाइन बनाने में इस्तेमाल होने वाले ये प्रिकर्सर भारत से म्यांमार भेजे जाते हैं. यह ट्रांसपोर्टेशन मिजोरम और म्यांमार के बीच porous यानी खुली अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए किया जाता है. म्यांमार में इन प्रिकर्सर्स से मेथामफेटामाइन तैयार की जाती है और फिर इसी रास्ते से तैयार माल भारत में भेजा जाता है. मिजोरम इस तस्करी का मुख्य रास्ता माना जा रहा है.
ED की जांच में अब तक नशा तस्करी से जुड़े हवाला ऑपरेटरों के बैंक खातों में लगभग ₹52.8 करोड़ के संदिग्ध लेनदेन मिले हैं. इसमें असम, मिजोरम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और दिल्ली में किए गए नकद जमा भी शामिल हैं. इन हवाला ऑपरेटरों के डिटेल बयान दर्ज किए जा रहे हैं, जिससे इस नेटवर्क के और के बारे में पता लगाया जा रहा है. ED की छापेमारी के दौरान ₹35,00,000 नकद बरामद किए गए. इसके अलावा कई डिजिटल डिवाइसेज भी जब्त की गई हैं, जिनमें ड्रग्स तस्करी और हवाला नेटवर्क से जुड़े अहम सबूत मिलने की संभावना है. इन डिवाइसेज की जांच की जारी है.