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India Daily

Bharat Bandh Postponed: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 3 अक्टूबर का भारत बंद टाला, जल्द घोषित होंगी नई तारीखें

Bharat Bandh Postponed: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 3 अक्टूबर को प्रस्तावित भारत बंद स्थगित कर दिया है. धार्मिक त्योहारों के टकराव को देखते हुए यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया. हालांकि, वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ आंदोलन तय कार्यक्रमों के अनुसार जारी रहेगा. भारत बंद की नई तारीख जल्द घोषित की जाएगी.

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Edited By: Km Jaya
Bharat Bandh
Courtesy: Pinterest

Bharat Bandh Postponed: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यानी AIMPLB ने 3 अक्टूबर को प्रस्तावित भारत बंद को फिलहाल स्थगित कर दिया है. बोर्ड ने यह फैसला देश के कुछ राज्यों में धार्मिक पर्व-त्योहारों के टकराव को देखते हुए लिया. बोर्ड की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत बंद की नई तारीख जल्द घोषित की जाएगी.

बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी की अध्यक्षता में बोर्ड के पदाधिकारियों की आपात बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में मौजूदा हालात और विभिन्न राज्यों में त्योहारों को ध्यान में रखते हुए विस्तृत चर्चा की गई. इसके बाद सर्वसम्मति से भारत बंद को स्थगित करने का निर्णय लिया गया.

आंदोलन अपनी तय योजना के अनुसार जारी 

हालांकि, बोर्ड ने यह साफ किया है कि वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ आंदोलन अपनी तय योजना के अनुसार जारी रहेगा. बोर्ड ने कहा कि विरोध के सभी अन्य कार्यक्रम और गतिविधियां पहले से तय तिथियों पर आयोजित होंगे. बोर्ड के मुताबिक, भारत बंद का फैसला वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में व्यापक जनजागरण और विरोध आंदोलन का हिस्सा था लेकिन धार्मिक आयोजनों को देखते हुए इसे स्थगित करना पड़ा. बोर्ड का कहना है कि आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से आगे भी चलता रहेगा और मुस्लिम समाज की चिंताओं को उचित मंच पर उठाया जाएगा.

जल्द ही नई तारीख का ऐलान 

बोर्ड ने अपने बयान में यह भी कहा कि जल्द ही नई तारीख का ऐलान किया जाएगा और उस दिन देशभर में भारत बंद को सफल बनाने की अपील की जाएगी. बोर्ड ने समाज से जुड़ी तमाम संस्थाओं और संगठनों से अपील की है कि वे आंदोलन के अगले चरण में सक्रिय सहयोग दें. बोर्ड के नेताओं का कहना है कि वक्फ संपत्तियों से जुड़े संशोधन अधिनियम से मुस्लिम समाज के अधिकारों और संस्थाओं पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. इसी कारण आंदोलन शुरू किया गया है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि समुदाय की मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता.