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India Daily

India Afghanistan Relations: भारत ने बढ़ाया अफगानिस्तान से रिश्ता, काबुल मिशन को मिला एम्बेसी का दर्जा और मिर्दिफ अली अल काशूती को बनाया नया राजदूत

India Afghanistan Relations: कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने मिर्दिफ अली अल काशूती को अफगानिस्तान में नया राजदूत नियुक्त किया है. यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच अगली कूटनीतिक वार्ता तुर्की में होने जा रही है.

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Edited By: Km Jaya
भारत अफगानिस्तान संबंध
Courtesy: @HaidarHashmi0 x account

India Afghanistan Relations: कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी द्वारा मिर्दिफ अली अल काशूती को अफगानिस्तान का नया राजदूत नियुक्त किया जाना और भारत का काबुल में अपने तकनीकी मिशन को ऑफिशियल एम्बेसी का दर्जा देना, दोनों ही फैसले दक्षिण एशिया की कूटनीति में अहम संकेत माने जा रहे हैं.

हाल ही में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी की भारत यात्रा और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से उनकी मुलाकात के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सकारात्मक बदलाव की उम्मीदें जगी थीं. वहीं, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तुर्की में होने वाली आगामी वार्ता को देखते हुए यह क्षेत्र इस्लामी जियो पॉलिटिक्स के नए शक्ति समीकरणों का केंद्र बनता दिख रहा है.

2021 में बंद की थी एम्बेसी:

बता दें कि इससे पहले भारत ने 2021 में, जब अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनी, तो वहां से अपने सभी डिप्लोमैट्स को हटा लिया था और एम्बेसी बंद कर दी थी. इसके बाद जून 2022 में, भारत ने एक तकनीकी टीम को काबुल भेजा, जिससे वहां सीमित स्तर पर फिर से काम शुरू हो सके. अब विदेश मंत्रालय ने बताया है कि अफगान विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान जो फैसले हुए थे, उनके अनुसार भारत ने फिर से काबुल में अपने एम्बेसी को बहाल करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से यह साफ है कि भारत, अफगानिस्तान के साथ अपने रिश्ते मजबूत करना चाहता है.

पाकिस्तान के आरोप को अफगानिस्तान ने किया खारिज

अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के उस आरोप को सख्ती से खारिज कर दिया है, जिसमें भारत पर क्षेत्रीय तनाव भड़काने का आरोप लगाया गया था. अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने पाकिस्तान के इन दावों को 'बेबुनियाद, तर्कहीन और अस्वीकार्य' बताया है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान अपने विदेशी संबंधों को पूरी तरह स्वतंत्र रूप से संचालित करता है और भारत के साथ अपने संबंधों को राष्ट्रीय हितों के अनुरूप और मजबूत करेगा.

भारत के साथ अफगानिस्तान के संबंध

मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान की नीति किसी भी देश के खिलाफ अपनी भूमि का उपयोग करने की नहीं है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के साथ संबंध अफगानिस्तान की स्वतंत्र नीति का हिस्सा हैं और इन्हें किसी तीसरे देश के प्रभाव में नहीं आने दिया जाएगा. अल जजीरा को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, 'हम भारत के साथ अपने संबंध स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बनाए रखते हैं और इन्हें राष्ट्रीय हितों के दायरे में और मजबूत करेंगे.'

पड़ोसी संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिश

पाकिस्तान के साथ संबंधों पर बोलते हुए मुजाहिद ने कहा कि काबुल इस्लामाबाद के साथ अच्छे पड़ोसी संबंधों और व्यापारिक विस्तार के आधार पर संबंध विकसित करना चाहता है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान पड़ोसी देश हैं और उनके बीच तनाव किसी के भी हित में नहीं है. दोनों देशों के संबंध आपसी सम्मान और अच्छे पड़ोसी सिद्धांतों पर आधारित होने चाहिए. मुजाहिद ने दोहा समझौते का भी जिक्र किया और कहा कि तुर्की में होने वाली आगामी बैठक इस समझौते के कार्यान्वयन और निगरानी पर केंद्रित होगी. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान इस समझौते का पालन नहीं करता है, तो इससे समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. साथ ही उन्होंने तुर्की और कतर जैसे मध्यस्थ देशों से आग्रह किया कि वे सुनिश्चित करें कि सभी पक्ष समझौते का पालन करें.