भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकरअक्सर अपनी मुखर कूटनीति के लिए जाने जाते हैं. इस दौरान एस. जयशंकर ने बुधवार (16 अप्रैल) को पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि अगर आतंकवादी गतिविधियाँ जारी रहीं, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. दरअसल, गुजरात के चारुसाट यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ संवाद के दौरान जयशंकर ने यह बात कही.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एस जयशंकर ने 26/11 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों को भारत के लिए एक निर्णायक मोड़ कहा. उन्होंने कहा, "मुंबई हमले के बाद देश को ये एहसास हुआ कि पाकिस्तान के ऐसे व्यवहार को अब और भारत सहन नहीं करेगा. यह हमारे लिए एक चेतावनी थी.
भारत-पाकिस्तान की दशकों की यात्रा पर विचार
अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने भारत और पाकिस्तान की बीते दशकों की यात्रा की तुलना भी की. उन्होंने कहा, "भारत ने पिछले कई सालों में खुद को बदला है और एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा है. लेकिन पाकिस्तान आज भी आतंकवाद की अपनी आदतों से बाहर नहीं निकल पाया है."
जयशंकर ने साफ कहा कि भारत आगे बढ़ चुका है, लेकिन पाकिस्तान आज भी 'आतंकवाद के उद्योग' में फंसा हुआ है. उन्होंने कहा, "काश मैं कह पाता कि पाकिस्तान ने भी खुद को बदला है, लेकिन दुर्भाग्यवश, वे आज भी बुरी आदतें पाल रहे हैं.
वक्फ संशोधन अधिनियम पर PAK की टिप्पणी को भारत ने किया खारिज
जयशंकर की टिप्पणी उस समय आई जब भारत ने पाकिस्तान द्वारा वक्फ (संशोधन) अधिनियम की आलोचना को सिरे से खारिज कर दिया. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम पाकिस्तान द्वारा वक्फ संशोधन अधिनियम पर की गई प्रेरित और निराधार टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज करते हैं. ऐसे में इस्लामाबाद को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है.
जायसवाल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को पहले अपने देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने इस्लामाबाद की टिप्पणियों को "राजनीतिक मंशा से प्रेरित" और "आधारहीन" बताया. गौरतलब है कि इससे पहले, पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कथित तौर पर वक्फ (संशोधन) अधिनियम को मस्जिदों और दरगाहों सहित "मुसलमानों को उनकी संपत्ति से बेदखल करने का प्रयास" बताया था.