मणिपुर के राज्यपाल ने आगामी मणिपुर विधानसभा सत्र को ‘निरस्त’ करने का आदेश दिया है, जिसे 10 फरवरी से शुरू होना था. इस निर्णय के बाद राज्यपाल ने विधानसभा सचिव के माध्यम से एक आधिकारिक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि राज्य विधानसभा का सातवां सत्र अब वैध नहीं रहेगा.
राज्यपाल का आदेश
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 174 के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए इस सत्र को निरस्त कर दिया. नोटिस में यह स्पष्ट किया गया है कि पहले दिए गए आदेश, जिसमें 7वें सत्र को बुलाने का निर्देश था, अब तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है. इस निर्णय ने मणिपुर विधानसभा की आगामी कार्यवाही को प्रभावित किया है.
"In exercise of the powers conferred by clause (1) of Article 174 of the Constitution of India, I, Ajay Kumar Bhalla, Governor of Manipur, hereby order that the previous directive to summon the 7th session of the 12th Manipur Legislative Assembly, which has yet to commence, is… pic.twitter.com/ZbXczTsdzu
— ANI (@ANI) February 9, 2025Also Read
संविधान के तहत शक्ति का प्रयोग
संविधान के अनुच्छेद 174 के तहत, राज्यपाल को विधानसभा के सत्रों को बुलाने, स्थगित करने या निरस्त करने का अधिकार प्राप्त है. यह आदेश उस शक्ति का इस्तेमाल करते हुए दिया गया है, जो राज्यपाल को विधानसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए दी गई है. राज्यपाल का यह निर्णय मणिपुर में राजनीतिक गतिविधियों के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
विधानसभा सत्र की अनिश्चितता
यह आदेश विधानसभा सत्र के बारे में अनिश्चितता पैदा कर रहा है, क्योंकि यह सत्र केवल कुछ दिन पहले ही घोषित किया गया था. अब, राज्यपाल द्वारा सत्र को निरस्त किए जाने से, मणिपुर की विधानसभा में आगामी कार्यों के बारे में सवाल उठ रहे हैं. यह कदम राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर विधानसभा चुनावों से पहले.
आगे की स्थिति
राज्यपाल के इस आदेश के बाद, अब यह देखना होगा कि मणिपुर राज्य सरकार इस निर्णय को लेकर आगे क्या कदम उठाती है. आने वाले दिनों में विधानसभा के सत्र को पुनः बुलाने का निर्णय लिया जाएगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है. राज्यपाल का यह कदम मणिपुर की राजनीति में एक नई मोड़ का संकेत दे रहा है.