Man commits suicide: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महिला की शिकायत पर उसके पति के परिवार के सदस्यों के खिलाफ दर्ज दहेज उत्पीड़न की प्राथमिकी को खारिज कर दिया है. महिला ने शादी के महज 40 दिन बाद ही आत्महत्या कर ली थी. अदालत ने कहा कि शिकायत में लगाए गए आरोप अस्पष्ट हैं और किसी ठोस सबूत से समर्थित नहीं हैं तथा यह कानून की प्रक्रिया के दुरुपयोग का मामला है.
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने बुधवार को दिए गए फैसले में कहा, "शिकायत को देखने पर यह उत्पीड़न या क्रूरता की किसी भी घटना को प्रतिबिंबित नहीं करती है." अदालत ने मृतका के माता-पिता और बहन के खिलाफ विवाहित महिला पर कथित क्रूरता और आपराधिक विश्वासघात के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया और उन्हें मामले से मुक्त कर दिया. यह आदेश महिला के सास-ससुर और ननद द्वारा दायर याचिका पर पारित किया गया, जिसमें 2016 में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी.
उत्पीड़न की शिकायत के ठोस सबूत नहीं
अदालत ने कहा, "यह स्पष्ट रूप से अस्पष्ट आरोपों और सत्ता के दुरुपयोग का मामला है और यदि वर्तमान कार्यवाही को जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो यह न्याय के हित में नहीं है. इसमें आगे कहा गया कि दहेज उत्पीड़न की शिकायत में लगाए गए आरोप अस्पष्ट हैं और किसी ठोस सबूत से समर्थित नहीं हैं, तथा न्याय के हित में यह मामला रद्द करने योग्य है.
शादी के बाद मतभेद
मार्च 2016 में दोनों की शादी हुई और वे पुणे में रहने लगे. महिला के ससुराल वालों का दावा है कि इसके तुरंत बाद, दंपति के बीच मतभेद पैदा हो गए और पति उदास, परेशान और हताश रहने लगा. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि महिला के परिवार ने न केवल उसके पति पर दबाव डाला, बल्कि उसे हर हाल में उसके साथ रहने की धमकी भी दी.
उन्होंने दावा किया था कि महिला के माता-पिता ने उन्हें आतंकित कर दिया था, जिन्होंने उनके पूरे परिवार को दहेज और घरेलू हिंसा के झूठे और तुच्छ मामले में फंसाने की धमकी दी थी. याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि पत्नी और उसके माता-पिता द्वारा की गई अनुचित हरकतों और लगातार धमकियों से मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान होकर व्यक्ति ने शादी के महज 40 दिन बाद 13 अप्रैल, 2016 को आत्महत्या कर ली थी.
ससुराल वालों के खिलाफ FIR
उन्होंने कहा था कि अपने माता-पिता के कहने पर महिला दाह संस्कार के तुरंत बाद ससुराल छोड़कर चली गई और बाद में किराए के मकान से अपना सामान भी ले गई. इसके बाद मृतक के पिता ने अपने बेटे की आत्महत्या के पीछे की सच्चाई का पता लगाने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. दो महीने बाद, जवाबी कार्रवाई के तौर पर महिला ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ महिला अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने उन पर दहेज की मांग को लेकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, साजिश रचने, उसके पति को आत्महत्या के लिए उकसाने और उसके निजी जीवन को खराब करने का आरोप लगाया.