मलेशिया में एक कोर्ट ने दो डॉक्टरों को एक महिला मरीज की मौत के मामले में 6 मिलियन रिंगिट (करीब 11.42 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है. यह महिला अपने दूसरे बच्चे की डिलीवरी के बाद गंभीर रक्तस्राव से जूझ रही थी, और डॉक्टरों ने इलाज के बजाय शराब पीने के लिए अस्पताल से बाहर जाना उचित समझा. कोर्ट ने डॉक्टरों को उनकी लापरवाही के लिए दोषी ठहराया, जिसके कारण महिला की मौत हो गई.
साल 2019 में मलेशिया के अस्पताल में एक महिला मरीज, म पुनीता, ने अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया था. डिलीवरी के बाद, उसे प्लेसेंटा निकालने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा, जिसके बाद उसे अत्यधिक रक्तस्राव होने लगा. कोर्ट के अनुसार, मरीज को अस्पताल के स्टाफ द्वारा स्थिर बताया गया था, लेकिन डॉक्टरों के अस्पताल से बाहर जाने के बाद उसे कुछ अस्वीकृत नर्सों के पास छोड़ दिया गया था.
इस दौरान मरीज की हालत बिगड़ती गई और उसकी मां ने देखा कि मरीज अत्यधिक खून बह रहा था. नर्सों ने रक्तस्राव को रोकने के लिए बर्फ और कपड़े का इस्तेमाल किया, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर उसे एक अन्य अस्पताल में शिफ्ट किया गया. वहां उसे आपातकालीन सर्जरी और रक्त का ट्रांसफ्यूजन दिया गया, लेकिन फिर भी मरीज की मौत हो गई.
कोर्ट ने इस घटना को अत्यधिक दुखद और अविश्वसनीय बताया. जज नोरलिजा ओथमन ने कहा कि डॉक्टरों का यह कृत्य पूरी तरह से लापरवाही था और यह एक सामान्य प्रसव संबंधी समस्या को ठीक से न हल करने का परिणाम था. डॉक्टरों के पास प्रसव और संबंधित जटिलताओं के मामले में व्यापक अनुभव था, लेकिन फिर भी उन्होंने मरीज की स्थिति का सही से इलाज नहीं किया.
उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टरों को मरीज को तुरंत दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित करने और उसकी स्थिति पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसके बजाय, डॉ. रवि शराब पीने के लिए बाहर गए, जो कि एक गंभीर लापरवाही थी.
कोर्ट ने दोनों डॉक्टरों को 11.42 करोड़ रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया. इस राशि में से 95 लाख रुपये मृत महिला के दर्द और कष्ट के लिए, 1.9 करोड़ रुपये प्रत्येक बच्चे के लिए और 57 लाख रुपये महिला के माता-पिता के लिए निर्धारित किए गए हैं.