तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने आज संसद में गौतम अडानी के साथ-साथ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बहाने केंद्र सरकार को जमकर घेरा. महुआ मोइत्रा ने मांग उठाई कि ईडी और सीबीआई का बजट जीरो कर दिया जाना चाहिए. पश्चिम बंगाल से लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाए कि सीबीआई के लोग अडानी के इशारे पर काम करते हैं इसको पूरी तरह से उन्हीं को आउटसोर्स कर देना चाहिए. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हमें यह बजट जीरो कर देना चाहिए और पूरा पैसा अडानी को ही देना चाहिए. महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाए कि अडानी के रिश्तेदार ने उनके दोस्त को बुलाकर धमकी दी थी और जबरन साइन करवा लिए थे.
महुआ मोइत्रा ने कहा, 'इस साल ईडी और सीबीआई का बजट कम कर दिया गया है. मैं सोच रही थी कि ऐसा क्यों हुआ? क्या इसका कारण है कि मतदाताओं को यह पसंद नहीं आया कि आप विपक्ष के नेताओं के पीछे सीबीआई और ईडी को भेज देते हैं? क्या ऐसा इसलिए हुआ है कि आपने अहमदाबाद के एक कारोबारी को ईडी और सीबीआई को आउटसोर्स कर दिया है, जो सबकुछ कंट्रोल कर रहा है? महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री ने बताया है कि बीजेपी के नेताओं ने उन पर किस तरह से दबाव डाला कि वह फेक एफिडेविट फाइल करें. संदेशखाली के मामले में यही आया कि महिलाओं से जो वीडियो शेयर करवाए गए वे फेक थे.'
सांसद महुआ ने आगे कहा, 'ठीक इसी तरह से मेरे मामले में हुआ. अडानी ने 16 अक्टूबर 2023 को मेरे दोस्त को अपने अहमदाबाद वाले दफ्तर में बुलाया और धमकी दी कि अगर फर्जी एफिडेविट पर दस्तखत नहीं किए तो अंजाम भुगतने होंगे. असल में वह अडानी के दामाद मिस्टर साइरिल श्रॉफ थे जिन्होंने दस्तखत करने के लिए मजबूर किया. आज भी अडानी के दफ्तर का हर मिड लेवल अधिकारी सीबीआई के मिडल लेवल अधिकारी को फोन करता है और कहता है कि 161 का बयान चेंज कराइए, सर को बुलाइए और मैडम के खिलाफ बयान दीजिए.'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं आपके जरिए सीबीआई से कहना चाहती हूं कि अडानी के कहने पर बार-बार लोगों को मत बुलाइए. इस तरह से मुझे फंसाने की कोशिश मत करिए, आपको कुछ हासिल नहीं होने वाला है. हमें सीबीआई और ईडी का बजट जीरो कर देना चाहिए. अडानी को पूरे 1500 करोड़ देने दीजिए और इसे पूरी तरह से उन्हीं को आउटसोर्स कर दीजिए.'
दरअसल, महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाए गए थे कि वह कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल पूछती हैं. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए थे कि महुआ मोइत्रा पैसे लेकर अडानी समूह और पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए रिश्वत लेकर सवाल पूछती थीं. बाद में दर्शन हीरानंदानी सरकारी गवाह बन गए और उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने महुआ मोइत्रा के लॉगिन आईडी का इस्तेमाल किया था.