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Maharashtra Politics: स्पीकर ने शिंदे गुट को बताया असली शिवसेना, अब उद्धव गुट के पास है ये रास्ता...आप भी जानें 

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित विधायकों की अयोग्यता मामले में अपना फैसला सुना दिया है. जानें अब उद्धव ठाकरे गुट क्या कर सकता है. 

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Amit Mishra
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Maharashtra Politics: विधायकों की अयोग्यता के मामले में महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर (Rahul Narweka) ने फैसला सुना दिया है. स्पीकर के फैसले से उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट को बड़ा झटका लगा है. स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना है. इसके साथ ही एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उनके गुट के विधायकों की सदस्यता रद्द नहीं की गई है. इस फैसले के बाद अब एकनाथ शिंदे ही महाराष्ट्र के सीएम बने रहेंगे. 

टूट की कगार पर पार्टी

अब ऐसे में सवाल कई हैं जिनके जवाब तलाशने होंगे. गौर करने वाली बात है कि चुनाव आयोग पहले ही शिंदे कैंप को असली शिवसेना के तौर पर चुनाव चिन्ह 'तीर-कमान' सौंप चुका है. अब ठाकरे गुट को स्पीकर से भी निराशा हाथ लगी है. ऐसे में अब ठाकरे की पार्टी में टूट की आशंका बढ़ गई है. स्पीकर के फैसले के बाद कुछ विधायक उद्धव का साथ छोड़ सकते हैं. इतना ही नहीं, उद्धव ठाकरे के सामने आने वाले चुनाव में संगठन के सामने खुद को साबित करने की बड़ी चुनौती होगी. 

SC का रुख करेंगे उद्धव?

सवाल ये भी उठता है विधानसभा स्पीकर से निराशा हाथ लगने के बाद उद्धव ठाकरे के पास क्या रास्ता बचा है. तो बता दें कि, उद्धव ठाकरे गुट के पास सिर्फ सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता बचा है. ठाकरे ने खुद ही पहले एलान कर दिया था कि स्पीकर का फैसला पक्ष में नहीं आता है तो वो सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे और विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को चुनौती देंगे. ऐसे में उद्धव का सुप्रीम कोर्ट जाना तय माना जा रहा है. हालांकि, इस मामले पर देश की सर्वोच्च कोर्ट क्या फैसला देती है ये आने वाले वक्त में ही साफ होगा. 

शिंदे गुट हुआ अलग

गौरतलब है कि, करीब डेढ़ साल पहले 20 जून 2022 को एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 39 विधायकों ने शिवसेना से बगावत कर दी थी और बीजेपी के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली थी. शिंदे को सीएम बनाया गया था. देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने थे. उद्धव पक्ष ने दल-बदल कानून के तहत पहले स्पीकर को नोटिस दिया. फिर ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और दोनों गुटों ने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की थी. असली शिवसेना को लेकर भी दोनों गुटों में विवाद जारी है और अब महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का फैसला शिंदे गुट के पक्ष में आया है.