Pawar vs Pawar: शरद पवार से 'बेवफाई' का आरोप लगाते हुए अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार ने उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई है. इस दौरान श्रीनिवास पवार ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और अपने छोटे भाई अजित पवार को 'नालायक मानुष' तक करार दे दिया. श्रीनिवास ने कहा कि अजित पवार चाचा शरद पवार को चुनौती दी, पार्टी में तोड़फोड़ की, सिंबल पर कब्जा कर लिया. श्रीनिवास ने कहा कि अजित से ज्यादा अयोग्य कोई नहीं है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव के बेटे अजित पवार पिछले साल तक पूर्व केंद्रीय मंत्री के काफी करीबी माने जाते थे. नवंबर 2019 में, अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार को चौंकाते हुए महाराष्ट्र में चल रही शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और भाजपा गठबंधन वाली सरकार में शामिल हो गए. इस दौरान उन्होंने अपने चाचा शरद पवार को दरकिनार करते हुए खुद को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी NCP का चीफ बताया. महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी.
बारामती लोकसभा सीट से मौजूद सांसद सुप्रिया सुले एक बार फिर इस सीट से चुनावी मैदान में हैं. श्रीनिवास पवार अपने बेटे के साथ सुप्रिया सुले के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं. चुनाव प्रचार के दौरान ही उन्होंने अजित की 'बेवफाई' का मुद्दा उठाया और कहा कि उस व्यक्ति से ज्यादा अयोग्य कोई नहीं है जिसने 83 वर्षीय व्यक्ति (शरद पवार) को छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि अजित दादा ने ऐसे शख्स के साथ बेवफाई की है, जिन्होंने उन्हें (अजित पवार) 4 बार डिप्टी सीएम बनाया. साथ ही मंत्री के रूप में 25 साल का लंबा वक्त दिया.
श्रीनिवास ने अजित पवार पर NCP को तोड़ने के लिए भी हमला बोला और कहा कि अगर कोई अपनी जमीन या फिर कारोबार किसी को सौंपता है, तो इसका ये मतलब नहीं कि वो उसका मालिक बन जाए.
श्रीनिवास ने कहा कि मुझे पता है कि मैं जो कुछ बोल रहा हूं, उसे सुनने के बाद कुछ लोग चौंक जाएंगे, क्योंकि मैं हमेशा अच्छे और बुरे समय में दादा (अजित पवार) के साथ रहा हूं.
श्रीनिवास ने ये भी कहा कि अगर अजित पवार मुझे कहीं से कूदने को कहेंगे, तो मैं बिना सोचे-समझे छलांग लगा दूंगा. लेकिन दवाइयों की तरह रिश्तेदारों की भी एक्सपायरी डेट होती है. आप (जनता) सभी जानते हैं कि हम साहेब (शरद पवार) के कितने आभारी हैं. वे 83 साल के हैं और ऐसे वक्त में उन्हें छोड़ना सही नहीं था.
श्रीनिवास ने ये भी बताया कि जब अजित पवार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बने, तो मेरे दोस्तों ने कहा कि ये समय दादा का है, साहेब का नहीं. लेकिन, इस सोच से मुझे दुख होता है. उन्होंने कहा कि उस व्यक्ति (अजित पवार) से अधिक बेकार कोई नहीं है जो ये सोचकर बुजुर्गों का सम्मान नहीं करता कि किसी नए व्यक्ति का साथ देने से उन्हें अगले 10 वर्षों में फायदा होगा.