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Maharashtra News: एनकाउंटर स्पेशलिस्ट को गैंगस्टर की हत्या के लिए आजीवन कारावास, महाराष्ट्र में इस तरह की पहली सजा

Encounter Specialist: बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई है. मामला छोटा राजन गैंग के गुर्गे रामनारायण गुप्ता के फर्जी एनकाउंटर से जुड़ा है. मामले में कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को दोषी पाया है. प्रदीप शर्मा को 3 सप्ताह के भीतर सरेंडर करना होगा. महाराष्ट्र में किसी मुठभेड़ मामले में किसी पुलिस अधिकारी को सजा का ये पहला मामला है.

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Edited By: India Daily Live
encounter specialist Pradeep Sharma

Maharashtra News: मुंबई के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के सबूतों का हवाला देते कोर्ट ने माना कि प्रदीप शर्मा फर्जी एनकाउंटर करने वाली उस टीम को लीड कर रहे थे, जिसने 18 साल पहले छोटा राजन गैंग के गुर्गे रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया को मार गिराया था. हाई कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 3 सप्ताह में सरेंडर करने का निर्देश दिया. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र में किसी एनकाउंटर मामले में किसी पुलिस अधिकारी को सजा का ये पहला मामला है.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि पीड़ित पक्ष ने ये साबित कर दिया कि रामनारायण की हत्या फर्जी एनकाउंटर में की गई थी, जिसे असली एनकाउंटर का रूप दिया गया था. HC ने कहा कि कानून के रखवालों को वर्दीधारी अपराधियों की तरह काम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. 

2013 में सेशन कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट ने किया खारिज

जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस गौरी गोडसे की बेंच ने प्रदीप शर्मा को 2013 में सेशन कोर्ट की ओर से बरी किए जाने के फैसले को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि कानून के रखवालों को वर्दी में अपराधियों के रूप में कार्य करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. अगर इसकी अनुमति दी गई तो इससे अराजकता फैल जाएगी. हाई कोर्ट ने कहा कि सेशन कोर्ट, प्रदीप शर्मा के खिलाफ पर्याप्त सबूतों को देखने में विफल रही.

11 नवंबर 2006 को, 33 साल के रामनारायण और उनके दोस्त अनिल भेड़ा का वाशी से अपहरण कर लिया गया था. बाद में अंधेरी वेस्ट के वर्सोवा के एक पार्क में रामनारायण को फर्जी एनकाउंटर में मार गिराया गया था, जबकि अनिल भेड़ा भाग निकला था. अनिल भेड़ा फर्जी एनकाउंटर का मुख्य गवाह था. मार्च 2011 में अनिल भेड़ा अचानक गायब हो गया था. मई 2011 में उसकी लाश मिली थी.

हालांकि, फैसला सुनाए जाने से पहले बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि रामनारायण, छोटा राजन का सहयोगी था जो कई मामलों में वांछित था. ये भी तर्क दिया कि रामनारायण, वास्तविक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था.