पुणे: महाराष्ट्र में होने वाले आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले राजनीति पूरी तरह गरमा गई है. पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़ म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (PCMC) की सियासत में उस समय बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जब अलग-अलग राजनीतिक दलों से जुड़े 22 पूर्व पार्षद और पदाधिकारी एक साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में इन सभी नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ली.
इस घटनाक्रम को स्थानीय नगर निगम चुनावों से पहले बीजेपी के लिए बड़ी मजबूती के तौर पर देखा जा रहा है. बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं में सबसे चर्चित नाम सुरेंद्र पठारे का है. वह वडगांव शेरी से विधायक बापूसाहेब पठारे के पुत्र हैं. बापूसाहेब पठारे फिलहाल शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से जुड़े हैं.
इसके अलावा अजित पवार गुट की एनसीपी से पूर्व पार्षद विकास नाना दांगट, सैयाली वंजाले और बाला धनकवड़े ने भी BJP का दामन थामा है. सैयाली वंजाले, दिवंगत मनसे विधायक रमेश वंजाले की बेटी हैं, जिससे इस दल-बदल को और अहम माना जा रहा है.
इस बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और अन्य दलों के कई स्थानीय नेता भी बीजेपी में शामिल हुए हैं. पिंपरी-चिंचवाड़ क्षेत्र से इतनी बड़ी संख्या में नेताओं का बीजेपी में आना राजनीतिक जानकारों के अनुसार गेम चेंजर साबित हो सकता है. इनमें पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष उषा वाघरे, प्रभाकर वाघरे, प्रशांत शिटोले, पूर्व उपमहापौर राजू मिसाल जैसे बड़े नाम शामिल हैं.
इसके साथ ही पूर्व पार्षद समीर मसुलकर, जालिंदर शिंदे, विनोद नधे, प्रसाद शेट्टी, अमित गवड़े, मीनल यादव, रवि लांडगे, संजोग वाघरे, नवनाथ जगताप, संजय काटे और पूर्व महापौर मंगला कदम के पुत्र कुशाग्र कदम ने भी बीजेपी की सदस्यता ली है. इतने बड़े स्तर पर हुए इस दल-बदल से विपक्षी दलों को बड़ा झटका लगा है.
गौरतलब है कि विधायक बापूसाहेब पठारे ने पहले विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट मांगा था, लेकिन महायुति के तहत सीट एनसीपी (अजित पवार गुट) को मिलने के बाद उन्होंने शरद पवार गुट की एनसीपी जॉइन की और चुनाव जीत लिया. अब उनके बेटे सहित कई करीबी नेताओं का बीजेपी में जाना राजनीतिक संकेतों को और मजबूत करता है. कुल मिलाकर एनसीपी, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और अन्य दलों से आए 22 नेताओं के बीजेपी में शामिल होने से पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम चुनाव से पहले सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं.