Maharashtra Cabinet: महाराष्ट्र सरकार ने प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए कामकाजी घंटों में बड़ा बदलाव किया है. अब कर्मचारियों को नौ घंटे की बजाय 10 घंटे तक काम करना होगा. यह निर्णय राज्य कैबिनेट ने लिया है, जिसमें फैक्ट्री एक्ट और शॉप्स एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन को मंजूरी दी गई. इसके साथ ही, ओवरटाइम की सीमा को भी बढ़ाकर हर तिमाही में 144 घंटे कर दिया गया है. यह नियम उन सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होंगे, जहां 20 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं.
प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई. सरकार का कहना है कि इस बदलाव से राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा, उद्योगों का विकास होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. सरकार का मानना है कि कार्य अवधि बढ़ाने से उत्पादन में सुधार होगा और कंपनियां अधिक कुशलता से काम कर सकेंगी.
उद्योगों और दुकानों के लिए श्रम नियमों में बड़े बदलाव किए
सरकार ने उद्योगों और दुकानों के लिए श्रम नियमों में बड़े बदलाव किए हैं, जिनका उद्देश्य कार्यक्षमता बढ़ाना और लचीलापन प्रदान करना है. नए नियमों के तहत उद्योगों में दैनिक कार्य समय को नौ घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया गया है. कर्मचारियों को अब छह घंटे काम के बाद आराम का ब्रेक मिलेगा, जो पहले पांच घंटे के बाद दिया जाता था. इसके अलावा, ओवरटाइम की सीमा को तिमाही आधार पर 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दिया गया है. हालांकि, ओवरटाइम के लिए कर्मचारियों की लिखित सहमति अनिवार्य होगी.
ओवरटाइम की सीमा को 125 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दिया गया
दुकानें और प्रतिष्ठान अधिनियम में भी संशोधन किए गए हैं. अब दुकानों में दैनिक कार्य समय नौ की बजाय 10 घंटे होगा. ओवरटाइम की सीमा को 125 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दिया गया है. आपातकालीन स्थितियों में ड्यूटी को 12 घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा. ये नियम उन प्रतिष्ठानों पर लागू होंगे जहां 20 या अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं. वहीं, 20 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों के लिए अब रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी.