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महाराष्ट्र में EVM को चुनौती, BJP की जीत के बाद क्यों हो रहा बैलेट पेपर से मतदान?

Maharashtra assembly elections: मरकडवाडी गांव उस क्षेत्र में आता है, जहां शरद पवार की एनसीपी का अच्छा खासा प्रभाव है. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में मालशिरस ​सीट से एनसीपी-एसपी के उम्मीदवार उत्तमराव जानकर को 843 वोट मिले, जबकि विपक्षी बीजेपी के उम्मीदवार राम सातपुते को 1003 वोट मिले. जिसके बाद अब मरकटवाडी के लोगों ने चुनाव आयोग और ईवीएम की परीक्षा लेने के लिए बैलेट से मतदान करने का फैसला किया है. पढ़िए पूरा मामला...आखिर ऐसा क्यों हो रहा है....

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Edited By: Bhoopendra Rai
ballot paper
Courtesy: Twitter

Maharashtra assembly elections:  महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को बड़ी जीत हासिल हुई है. इस जीत के बाद महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के दलों ने चुनाव आयोग और ईवीएम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं.  उद्धव ठाकरे, मल्लिकार्जुन खड़गे, और शरद पवार की पार्टियों ने चुनाव आयोग से देश में बैलट पेपर से मतदान कराने की मांग की है. विपक्षी दलों का आरोप है कि ईवीएम में गड़बड़ी के कारण चुनाव परिणाम प्रभावित हुए हैं.

सोलापुर जिले के मालशिरस तालुका के मरकडवाडी गांव में भी ईवीएम की पारदर्शिता पर सवाल उठाए गए हैं. स्थानीय लोगों ने मतदान प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है. इसलिए यहां के लोग एक अनौपचारिक पुनर्मतदान का आयोजन कर रहे हैं.

दरअसल, मालशिरस विधानसभा क्षेत्र में उत्तम जानकर और बीजेपी के राम सातपुते के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी, हालांकि, चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तम जानकर को 1 लाख 21 हजार 713 वोट मिले. तो वहीं राम सातपुते को 1 लाख 08 हजार 566 लोगों ने वोट किया.

क्या है पूरा मामला?

मार्कडवाडी गांव में सातपुते को 1003 वोट जबकि जानकर को सिर्फ 843 वोट मिले. गांव वालों के मुताबिक इस गांव में अब तक शरद पवार के गुट के उत्तम जानकर ही नेतृत्व कर रहे थे, लेकिन इस साल कम वोट मिलने पर ग्रामीणों ने अपने खर्च पर मतपत्र से चुनाव कराने का फैसला किया. उत्तमराव जानकर का समर्थन करने वाले गांव वालों का मानना ​​है कि आधिकारिक गणना गलत है और वे वोटों के सही वितरण को प्रदर्शित करना चाहते हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान  सोलापुर के एसपी अतुल कुलकर्णी ने कहा, "हमने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए एहतियाती उपाय के रूप में नोटिस जारी किए हैं. प्रशासन ग्रामीणों से बात कर रहा है ताकि उन्हें कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा करने वाले किसी भी कदम से बचने के लिए राजी किया जा सके.'

क्या बोले ग्रामीण?

एक ग्रामीण रंजीत मरकड ने बताया, "हमारे गांव में 2,000 से अधिक मतदाता हैं, जिनमें से लगभग 1,900 ने 20 नवंबर को मतदान किया था. हमारे गांव ने हमेशा जानकर और मोहिते पाटिल परिवार का समर्थन किया है, लेकिन इस चुनाव में जानकर को 843 वोट मिले, जबकि हमारे गांव से सतपुते को 1,003 वोट मिले, हम चुनाव आयोग के इस डेटा पर विश्वास नहीं करते. इसलिए, हमने वोटों के वितरण का सबूत पाने के लिए 3 दिसंबर को मतपत्रों पर मतदान का आयोजन किया है.'

बीजेपी समर्थक क्या कह रहे हैं?

गांव के भाजपा समर्थकों ने घोषणा की है कि वे मतदान में भाग नहीं लेंगे. अविनाश कोडिलकर ने कहा, 'बैलेट पेपर से मतदान करने का निर्णय कुछ लोगों ने गांव के बाकी लोगों को विश्वास में लिए बिना लिया. राज्य चुनाव समाप्त हो चुका है और इस प्रक्रिया को फिर से करने की कोई आवश्यकता नहीं है, हम इसका बहिष्कार करेंगे.'