नई दिल्ली: गोवा के एक नाइटक्लब में भीषण आग लग गई, जिससे 25 लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे को लेकर सरकार के तीन सीनियर अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन अधिकारियों ने 2023 में क्लब को काम शुरू करने की इजाजत दी थी, जबकि उस क्लब के पास जरूरी सेफ्टी क्लीयरेंस नहीं थी. साथ ही यह भी बताया गया कि अधिकारियों ने यह भी पक्का नहीं किया कि नाइटक्लब जनता के लिए खुलने से पहले बेसिक सेफ्टी जरूरतों को पूरा करे.
सरकार ने जिन तीन अधिकारियों को सस्पेंड किया है, उनमें सिद्धि तुषार हरलंकर हैं, जो उस समय पंचायत के डायरेक्टर के पद पर थीं. वहीं, डॉ. शमिला मोंटेइरो हैं, जो उस समय गोवा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मेंबर सेक्रेटरी थीं. वहीं, रघुवीर बागकर हैं, जो उस समय विलेज पंचायत अरपोरा-नागोवा के सेक्रेटरी थे.
बता दें कि गोवा के अरपोरा में स्थित नाइटक्लब बिर्च बाय रोमियो लेन में लगी. यहां आग लगते ही तेजी से फैलने लगी. इस हादसे में 20 स्टाफ मेंबर और पांच टूरिस्ट की मौत हो गई. शुरुआती जांच के अनुसार, यह आग पटाखों के चलते लग सकती है. इस हादसे में 6 और लोग घायल हो गए. इन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था.
एक फायर ब्रिगेड अधिकारी ने बताया कि कई लोगों की मौत इस वजह से भी हुई क्योंकि पीड़ित ग्राउंड फ्लोर पर फंस गए थे. इनकी मौत दम घुटने से हुई थी. क्लब में एक छोटा एग्जिट गेट और एक संकरा पुल था. यह एंट्रेंस तक जाता था. आग लगने के बाद इससे बाहर निकलना मुश्किल हो गया था. इन स्ट्रक्चरल दिक्कतों ने बचाव के काम में भी रुकावट डाली. फायर ट्रक और पानी के टैंकर सीधे क्लब तक नहीं पहुंच पाए. इन्हें साइट से लगभग 400 मीटर दूर पार्क करना पड़ा. इससे ऑपरेशन धीमा हो गया.
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि नाइटक्लब में सेफ्टी नियम नहीं थे. पुलिस ने क्लब के चीफ जनरल मैनेजर, राजीव मोदक, जनरल मैनेजर विवेक सिंह, बार मैनेजर राजीव सिंघानिया और गेट मैनेजर रियांशु ठाकुर को गिरफ्तार किया है. क्लब के मालिकों और इवेंट ऑर्गनाइजर के खिलाफ लापरवाही और सेफ्टी नियमों को पूरा किए बिना जगह चलाने के लिए FIR भी दर्ज की गई हैं.