Mohan Yadav controversies: मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में बीजेपी ने डॉ. मोहन यादव को चुना है. मोहन यादव ने माधव विज्ञान महाविद्यालय से छात्र राजनीति की शुरुआत की थी. भोपाल में बीजेपी कार्यालय में जारी विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी है. मोहन यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं और उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं. उन्हें संघ का करीबी बताया जाता है. मिली जानकारी के अनुसार विधायक दल की बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने ही मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव रखा था.
मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने वाले मोहन यादव कई बार सुर्खियां बटोर चुके हैं. मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने वाले मोहन यादव का विवादों से पुराना नाता रहा है. आईए जानते हैं उन दो विवादों के बारे में जिनसे मोहन यादव का नाता रहा है.
मोहन यादव को 2020 में चुनाव आयोग ने असंयमित भाषा का प्रयोग करने के के लिए नोटिस दिया था और एक दिन के लिए चुनाव प्रचार करने पर प्रतिबंध लगाया था. इसके बाद साल 2021 में मोहन यादव ने उच्च शिक्षा विभाग ने एक कानून जारी किया था. इस बयान के अनुसार अगर किसी छात्र के खिलाफ आपराधिक रिकॉर्ड है तो उसे कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
आपको बताते चलें, मोहन यादव उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं. मोहन यादव पहली बार 2013 में उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक चुने गए थे. इसके बाद पार्टी ने उन्हें 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में फिर टिकट दिया और वह एक बार फिर विधायक बने. इसके बाद 2 जुलाई 2020 को उन्होंने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली