नई दिल्ली: ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में कथित लव जिहाद से जुड़ा एक मामला सामने आया है, जिसने स्थानीय स्तर पर चिंता और बहस को जन्म दिया है. इस मामले में एक मुस्लिम युवक पर आरोप है कि उसने खुद को अविवाहित बताकर हिंदू महिलाओं को प्रेम जाल में फंसाया और बाद में उनसे विवाह किया. आरोप है कि युवक ने अब तक दो हिंदू महिलाओं को निशाना बनाया.
इसके साथ ही यह भी दावा किया गया है कि कुछ मुस्लिम संगठन हिंदू महिलाओं से शादी करने पर आर्थिक सहायता देते हैं. शिकायत के अनुसार प्रति शादी करीब दस लाख रुपये दिए जाते हैं. यह आरोप युवक की पहली पत्नी फरीदा खातून ने लगाए हैं, जिन्होंने केंद्रपाड़ा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
फरीदा खातून केंद्रपाड़ा सदर थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं. उन्होंने अपने पति सैजुद्दीन खान पर गंभीर आरोप लगाए हैं. फरीदा के अनुसार उनकी शादी वर्ष 2020 में जमधर गांव के रहने वाले सैजुद्दीन खान से हुई थी. दोनों का एक बच्चा भी है. बच्चे के जन्म के करीब दो साल बाद सैजुद्दीन उन्हें छोड़कर चला गया.
फरीदा ने आरोप लगाया कि घर छोड़ने के बाद सैजुद्दीन ने एक हिंदू महिला को प्रेम संबंध में फंसाया और उससे शादी की. करीब एक साल बाद उसने एक अन्य मुस्लिम महिला से विवाह किया. इसके बाद हाल ही में उसने एक और हिंदू महिला को प्रेम जाल में फंसाकर उससे शादी कर ली. शिकायत में कहा गया है कि सैजुद्दीन हर बार खुद को अविवाहित बताकर महिलाओं को धोखा देता था.
फरीदा खातून ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ मुस्लिम संगठन हिंदू महिलाओं से शादी करने पर दस लाख रुपये की आर्थिक मदद देते हैं. उन्होंने दावा किया कि उनके पति को दो हिंदू महिलाओं से शादी करने के बाद कुल बीस लाख रुपये मिले. पुलिस इस दावे की भी जांच कर रही है. फरीदा का कहना है कि पैसे मिलने के बाद सैजुद्दीन इन महिलाओं को भी छोड़ देता था.
मामले में एक नया मोड़ तब आया जब नागपुरा क्षेत्र की एक महिला के पिता ने भी पुलिस अधीक्षक से शिकायत की. उन्होंने आरोप लगाया कि सैजुद्दीन उनकी बेटी को बहला फुसलाकर शादी के बाद हैदराबाद ले गया.
केंद्रपाड़ा के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ कटारिया ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि सभी आरोपों की तथ्यात्मक जांच के बाद कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
इस घटना के बाद केंद्रापड़ा जिले में लोगों में रोष है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के मामलों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. उनका दावा है कि जिले में पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. लोग कथित रूप से शामिल संगठनों की जांच और सख्त कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं.