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Lok Sabha Elections 2024: CAA रद्द करने से लेकर राज्यपाल की शक्तियों में कटौती तक, जानें DMK मेनिफेस्टो की बड़ी बातें

DMK Manifesto: डीएमके ने अपने घोषणापत्र में जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल के साथ-साथ हर पांच साल में जाति जनगणना कराने का ऐलान किया है. इसके साथ अग्निपथ योजना को वापस लेने, एमएस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू कराने का वादा किया गया है.

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 DMK Manifesto

DMK Manifesto: डीएमके ने आगामी आम चुनावों से पहले अपना घोषणापत्र जारी किया है. जिसमें मुख्यमंत्रियों को राज्यपालों की नियुक्ति और उनकी शक्तियों को सीमित करने का वादा किया गया है जो भारत के इतिहास में किसी भी पार्टी की ओर से किया गया एक अनोखा वादा है. पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा कि वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, एक देश-एक चुनाव के प्रस्ताव के साथ-साथ सीएए को खत्म करेंगे.

पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा कि सत्ता में आने पर संविधान के अनुच्छेद 361 में संशोधन करेगी, जो राज्यपाल को आपराधिक कार्यवाही से बचाता है. वहीं अनुच्छेद 356 को हटाने पर जोर देगी, जो निर्वाचित राज्य सरकारों को बर्खास्त करने और राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुमति देता है. मैनिफेस्टो में मुख्यमंत्रियों से चर्चा के बाद राज्यपालों की नियुक्ति किये जाने का वादा किया गया है. इसके साथ पेट्रोल-डीजल के दाम कम करना, एमएस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करना, अग्निपथ योजना को वापस लेने और भारतीय सशस्त्र बलों में फिर से स्थायी भर्ती सेवा शुरू करना, देश में जाति आधारित जनगणना के साथ-साथ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की जनगणना कराने का वादा किया गया है. इसके साथ सभी राज्यों में महिलाओं को 1,000 रुपये की मासिक सहायता और संसद-विधानसभाओं में उनके लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के तत्काल लागू करने का वादा किया गया है.

'DMK का नहीं बल्कि लोगों का घोषणापत्र'

DMK अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा "यह न केवल DMK का घोषणापत्र है, बल्कि लोगों का घोषणापत्र है. 2014 में जब BJP सत्ता में आई तो उन्होंने भारत को बर्बाद कर दिया. कोई भी चुनावी वादा पूरा नहीं हुआ. हमने इंडिया ब्लॉक का गठन किया है और हम 2024 में अपनी सरकार बनाएंगे. यह डीएमके ही है जो चुनाव से पहले घोषणापत्र बनाती है और जो हम कहते हैं वह करते है. हमारे नेताओं ने हमें यही सिखाया है."

11 नए चेहरों को DMK ने चुनावी मैदान में उतारा 

DMK ने उन 21 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम भी जारी किए हैं, जिन पर वह चुनाव लड़ रही है. 11 नए चेहरों को मैदान में उतारते हुए DMK ने 10 सांसदों को बरकरार रखा है. डीएमके ने कनिमोझी को थूथुकुडी से, कलानिधि वीरासामी को उत्तरी चेन्नई, थमिज़ाची थंगापांडियन को दक्षिण चेन्नई, दयानिधि मारन को मध्य चेन्नई, संसदीय दल के नेता टीआर बालू को श्रीपेरंबुदूर से , एस जगतरक्षकन को अराक्कोनम, कथिर आनंद को वेल्लोर, ए राजा को नीलगिरी से उम्मीदवार बनाया है. 

DMK ने इन सांसदों का काटा टिकट 

तमिलनाडु के पूर्व मंत्री के पोनमुडी के बेटे गौतम सिगमणि का टिकट काट दिया गया है. जो कल्लाकुरिची के मौजूदा सांसद हैं. वहीं धर्मपुरी के सांसद एस सेंथिलकुमार, जो संसद में उत्तर भारतीय राज्यों को गौमूत्र राज्य कहकर विवादों में आए थे. DMK ने उनको भी बेटिकट कर दिया है. वहीं राज्य की 39 सीटों में से 18 पर उसके DMK ते सहयोगी दल चुनाव लड़ रहे हैं.

के अन्नामलाई का DMK पर जोरदार हमला 

बीजेपी तमिलनाडु अध्यक्ष के अन्नामलाई ने DMK पर हमला बोलते हुए कहा "DMK ने साल 2021 के चुनावी वादों में झूठ बोला और धोखा दिया कि वह रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम कर देगी. सत्ता में आने के तीन साल बाद भी उसने ऐसा कुछ नहीं किया और अब संसदीय चुनावों में उन्हें झूठा वादा करने में कोई शर्म नहीं है. लोग जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार जीतेंगे. लोग अब डीएमके के नाटकों पर विश्वास करने को तैयार नहीं हैं."