Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों की तैयारियां जोरों-शोरों से जारी है, जिसे देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को अपने 195 सूरमाओं की पहली लिस्ट जारी की है जो कि चुनावी मैदान में जाकर लोहा लेते नजर आएंगे. इस लिस्ट में बीजेपी ने बड़ी ही सावधानी से ऐसे राज्यों में उम्मीदवारों का ऐलान किया जहां पर उसे अपनी सहयोगी पार्टियों की नाराजगी का डर नहीं है और इसी वजह से उसने अपनी पहली लिस्ट में बिहार और महाराष्ट्र की सीटों पर एक भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया.
लिस्ट के सामने आने के बाद से ही ये सवाल लगातार जारी है कि क्या बीजेपी अभी तक अपने सहयोगी दलों को मनाने में नाकाम हो रही है और यही वजह है कि दोनों राज्यों में सीटों की गुत्थी सुलझ नहीं पा रही है. जहां बिहार में सीटों की गुत्थी सुलझाने के लिए पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे तो वहीं अब महाराष्ट्र की सियासी कलह को खत्म करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिन के लिए महाराष्ट्र दौरे पर पहुंच रहे हैं.
अब सवाल ये भी उठता है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का महाराष्ट्र दौरा खास क्यों हैं, तो जवाब ये है कि बीजेपी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह को इन मामलों का निपुण माना जाता है. पिछले कुछ सालों में जब भी पार्टी इस तरह की स्थितियों से जूझती है तो उसे सुलझाने का जिम्मा अमित शाह को ही दिया जाता है.
महाराष्ट्र में फिलहाल शिवसेना (शिंदे गुट), एनसीपी (अजित पवार गुट) और बीजेपी एक साथ सरकार चला रही है और आगामी लोकसभा चुनाव में भी तीनों साथ ही लड़ते हुए नजर आएंगी. भले ही महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने लोकसभा सीट बंटवारे को लेकर साफ किया है कि सहयोगियों के बीच कोई परेशानी नहीं है लेकिन कुछ सीटें हैं जिस पर विवाद सामने आ रहा है.
इसमें पहला नाम महाराष्ट्र की रत्नागिरी सिंधुदुर्ग सीट है जहां से मौजूदा सांसद विनायक राउत है. अब आने वाले चुनावों में इस सीट पर सबसे पहले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने दावेदारी पेश की है लेकिन अब कई और दावेदार भी सामने आ रहे हैं. मावल लोकसभा सीट पर भी ऐसा ही विवाद सामने आ रहा है जहां से मौजूदा समय में शिवसेना (शिंदे) गुट के श्रीरंग बारने सांसद है लेकिन अब (NCP अजित पवार गुट) दावा कर रही है. इसी तरह शिरूर लोकसभा सीट से NCP (शरद पवार गुट) के नेता अमोल कोल्हे सांसद हैं लेकिन अजित पवार ने इस सीट पर दावा किया है.
इस बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने सीट बंटवारे को लेकर बड़ा बयान दिया है जिससे ये साफ है कि आंतरिक कलह जरूर है लेकिन इसे सुलझाने के लिए अमित शाह को दखल देना ही होगा. उन्होंने कहा,'सीट बंटवारे पर आखिरी डिसिजन तीनों पार्टियों के प्रमुख नेता ही लेंगे. सीट मांगना उनका अधिकार है लेकिन सीटों की लिस्ट तभी फाइनल होगी जब देवेंद्र जी, शिंदे जी और अजीत जी के केंद्रीय नेतृत्व साथ बैठेगा.'
गौरतलब है कि अमित शाह जलगांव में एक युवा सम्मेलन और संभाजीनगर में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करने के साथ-साथ अकोला में तीनों प्रमुख नेताओं के साथ बैठकर लोकसभा चुनावों की रणनीति पर भी मंथन करते नजर आएंगे.