नई दिल्ली: भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी कामयाबी यह है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े भगोड़े गैंगस्टर लखविंदर कुमार को शनिवार को यूनाइटेड स्टेट्स से भारत डिपोर्ट कर दिया गया. यह ऑपरेशन सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) और US अधिकारियों की मदद से किया गया. अधिकारियों ने कन्फर्म किया कि लखविंदर कुमार के खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस था. वह उन लगभग 40 गैंगस्टर्स में से एक है जिन्हें इस साल ऑर्गनाइज्ड क्राइम पर चल रही कार्रवाई के तहत भारत वापस लाया गया.
डिपोर्टेशन के बाद, हरियाणा पुलिस ने लखविंदर कुमार को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचने पर कस्टडी में ले लिया. वह कई क्रिमिनल केस में वॉन्टेड था जिसमें जबरन वसूली, गैर-कानूनी हथियारों का धंधा और बिश्नोई सिंडिकेट के लिए क्रॉस-बॉर्डर कोऑर्डिनेशन शामिल था. अधिकारियों के मुताबिक, लखविंदर US में गलत पहचान के साथ रह रहा था, लेकिन भारतीय और अमेरिकी एजेंसियों की मिली-जुली कोशिश से उसे ढूंढने में मदद मिली.
लखविंदर कुमार की हिरासत और डिपोर्टेशन को CBI और इंटरपोल के बीच करीबी सहयोग से कोऑर्डिनेट किया गया. CBI के एक बयान से पता चला कि लखविंदर कुमार के लिए रेड नोटिस हरियाणा पुलिस के अनुरोध पर 26 अक्टूबर, 2024 को जारी किया गया था. कानूनी प्रक्रिया के बाद, US अधिकारियों ने उसे भारत डिपोर्ट कर दिया और वह 25 अक्टूबर, 2025 को दिल्ली पहुंचा जहां पुलिस ने उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया.
इस बीच, एक और जुड़े हुए घटनाक्रम में एक और गैंगस्टर सुनील सरदाना को भी गुरुग्राम पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट पर हिरासत में लेगी. सुनील सरदानाने इस साल की शुरुआत में बॉलीवुड सिंगर फाजिलपुरिया पर फायरिंग की थी. माना जाता है कि सरदाना के बिश्नोई नेटवर्क से करीबी संबंध हैं और वह हरियाणा और दिल्ली NCR में कई क्रिमिनल ऑपरेशन में शामिल था.
अधिकारियों का कहना है कि बिश्नोई गैंग और उससे जुड़े क्रिमिनल नेटवर्क के कई दूसरे सदस्य अभी कनाडा, UAE और यूरोप में निगरानी में हैं. भारतीय एजेंसियां इन देशों के साथ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस और द्विपक्षीय एक्सट्रैडिशन रिक्वेस्ट के जरिए उन्हें वापस लाने के लिए काम कर रही हैं. इस साल अब तक, 36 गैंगस्टरों को भारत डिपोर्ट किया जा चुका है, जो विदेश में छिपे भगोड़ों पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है.