नई दिल्ली: पूर्वी तट पर चक्रवाती तूफान मोंथा (Cyclone Montha) खतरे की घंटी बन गया है. यह तूफान बंगाल की खाड़ी में गहरे दबाव के कारण तेज गति से विकसित हो रहा है. आईएमडी ने इसे 'सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म' श्रेणी में रखा है और 110 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी दी है. आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु में प्रशासन हाई अलर्ट पर है, स्कूल-कॉलेज बंद, और बचाव टीम तैनात की गई हैं.
तूफान मोंथा का नाम थाईलैंड ने रखा है, जिसका अर्थ है 'सुगंधित या सुंदर फूल'. वर्तमान में यह पोर्ट ब्लेयर से 460 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में है और लगातार पश्चिम की ओर बढ़ रहा है. आईएमडी ने चेताया है कि 28 अक्टूबर को यह आंध्र तट के पास टकरा सकता है, जिससे भारी बारिश और तेज हवाओं का खतरा है.
आईएमडी के अनुसार, यह तूफान 28 अक्टूबर की शाम या रात को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम और कालींगपट्टनम के बीच, काकीनाडा के पास टकरा सकता है.
26 अक्टूबर से आंध्र तट पर 45-55 किमी/घंटा की हवाएं चलेंगी, जो 90-110 किमी/घंटा तक पहुंच सकती हैं. प्रभावित जिले हैं गुंटूर, नेल्लोर, चित्तूर, काकीनाडा, बापटला, और यSR कडप्पा.
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने जिला कलेक्टरों और पुलिस अधिकारियों के साथ आपात बैठक की. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम संवेदनशील जिलों में तैनात की गई हैं, हॉस्पिटल ऑन व्हील्स व्यवस्था, बिजली और पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की गई.
ओडिशा में 16 जिलों के लिए रेड और येलो अलर्ट जारी किया गया है. तमिलनाडु के तटीय जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का खतरा है. चेन्नई, नागपट्टिनम और कुड्डालोर में अगले 4-5 दिन तक लगातार बारिश की संभावना है.
लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सुरक्षा के उपाय अपनाना जरूरी है. तटीय क्षेत्रों में नहीं निकलना, सुरक्षित स्थानों पर रहना और प्रशासन की सलाह मानना चाहिए.
चक्रवाती तूफान मोंथा भारत के पूर्वी तट की ओर तेजी से बढ़ रहा है और आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु में भारी बारिश और तेज हवाओं का खतरा है. प्रशासन ने रेड और येलो अलर्ट जारी कर बचाव तैयारियां तेज कर दी हैं. जनता को सुरक्षित स्थानों पर रहने और आईएमडी की सलाह का पालन करने की आवश्यकता है.